नयी दिल्ली : कोरोनावायरस की दवा पर बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को एक और झटका लगा है. आयुष मंत्रालय ने पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोना की दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दी है. मंत्रालय ने कहा है कि अंतिम मंजूरी मिलने से पहले कंपनी को इस दवा का विज्ञापन नहीं करना चाहिए था. महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही इस दवा को नकली बताकर इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है.
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद वाई नायक ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद को अंतिम मंजूरी मिलने से पहले कोरोनिल दवा का विज्ञापन नहीं करना चाहिए था. हमने उनसे अपेक्षित प्रक्रियाएं पूरी करने के लिए कहा है. उन्होंने इसे हमारे पास भेजा है हम जल्द ही इस बारे में फैसला लेंगे.
बता दें योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए मंगलवार को बाजार में एक आयुर्वेदिक दवा उतारी थी. दावा किया गया कि इससे सात दिन में ही कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है. वहीं, इसके कुछ ही घंटे बाद आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को इस औषधि में मौजूद विभिन्न जड़ी-बूटियों की मात्रा एवं अन्य ब्योरा यथाशीघ्र उपलब्ध कराने को कहा था. और अंतिम मंजूरी से पहले विज्ञापन पर रोक लगा दी थी.
गुरुवार को महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने योग गुरु को आगाह किया कि राज्य सरकार ‘नकली’ दवाओं की बिक्री नहीं होने देगी. देशमुख ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जयपुर यह पता लगायेगा कि क्या ‘कोरोनिल’ का चिकित्सकीय परीक्षण किया गया. रामदेव को चेतावनी है कि महाराष्ट्र नकली दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देगा.’
बाद में पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कंपनी को इस उत्पाद की बिक्री की अनुमति नहीं दी है क्योंकि उसने चिकित्सकीय परीक्षण नहीं किये हैं. उन्होंने कहा, ‘पतंजलि के विज्ञापन के खिलाफ कई राज्यों में शिकायतें की गयी है क्योंकि मंत्रालय या भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद की ओर से कोई अनुमति नहीं दी गयी है.’ देशमुख ने कहा कि अगर इस दवा को महाराष्ट्र में बेचने का प्रयास किया गया तो कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया जायेगा.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.