‘बाबासाहेब अम्बेडकर के आदर्श, विचार हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे’, अमित शाह ने बाबासाहेब को दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "उनके आदर्श और विचार हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “उनके आदर्श और विचार हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे”, शाह ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के लिए अपनी भावना व्यक्त करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया, जो एक भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे, जिन्होंने भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति का नेतृत्व किया था.
देश के अंतिम व्यक्ति तक न्याय व अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले संविधान के शिल्पी बाबासाहब अम्बेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन।
सभी सुख व सुविधाओं को त्याग उन्होंने वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनके आदर्श व विचार निरंतर हमारा पथ प्रदर्शित करते रहेंगे। pic.twitter.com/Trg6TFOMrG
— Amit Shah (@AmitShah) April 14, 2023
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर अपने विचार व्यक्त किये
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर लिखा “देश के अंतिम व्यक्ति को न्याय और अधिकार दिलाने वाले संविधान निर्माता बाबासाहेब अम्बेडकर की जयंती पर उन्हें शत शत नमन. सभी सुख-सुविधाओं को त्याग कर उन्होंने अपना जीवन वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. उनके आदर्श और विचार हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे,”
14 अप्रैल 1891 को हुआ था अंबेडकर का जन्म
अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था और इसलिए हर साल इस तारीख को भारत अंबेडकर जयंती मनाता है. बाबासाहेब की जयंती पूरे देश में एक सार्वजनिक अवकाश है जहां स्कूल, बैंक और कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन बंद रहते हैं. इस दिन लोग फूल चढ़ाकर, मोमबत्तियां जलाकर और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करके अंबेडकर को सम्मान देते हैं. प्यार से ‘बाबासाहेब’ के नाम से जाने जाने वाले, अम्बेडकर भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और इसलिए उन्हें ‘भारतीय संविधान का जनक’ भी कहा जाता है.
अंबेडकर भारत के पहले कानून मंत्री थे
अम्बेडकर न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे, बल्कि स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री भी थे. बाबासाहेब का जन्म मध्य प्रदेश में एक गरीब दलित महार परिवार में हुआ था. उन्होंने समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के समान अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया. वह 1927 से अस्पृश्यता के खिलाफ सक्रिय आंदोलनों का हिस्सा थे. बाद में उन्हें उनके अधिकारों के प्रति उनके योगदान के लिए ‘दलित आइकन’ के रूप में सम्मानित किया गया.