नयी दिल्ली : बाबरी विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद भाजपा के वयोवृद्ध नेता व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने ‘‘जय श्री राम” का नारा लगाया और अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ‘‘रामजन्मभूमि आंदोलन” को लेकर उनकी निजी और भाजपा की प्रतिबद्धता को साबित करता है.
आडवाणी इस मामले के 32 आरोपियों में एक और राम जन्मभूमि आंदोलन के अगुवा थे. राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा शुरू की थी. आडवाणी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘विशेष अदालत का आज का जो निर्णय हुआ है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है और वह हम सबके लिए खुशी का प्रसंग है. जब हमने अदालत का निर्णय सुना तो हमने जय श्री राम का नारा लगाकर इसका स्वागत किया.” बाद में एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, ‘‘यह रामजन्मभूमि आंदोलन को लेकर उनकी निजी और भाजपा की प्रतिबद्धता को साबित करता है.
” उन्होंने कहा, ‘‘मैं धन्य महसूस करता हूं कि यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के नवंबर 2019 के ऐतिहासिक फैसले के पदचिह्नों पर है, जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मेरे सपने का मार्ग प्रशस्त किया, जिसका शिलान्यास पांच अगस्त 2020 को किया गया।” अदालत के फैसले के बाद 92 वर्षीय आडवाणी अपने कमरे से बाहर निकले और ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए मीडिया का अभिवादन किया.मीडिया से मुखातिब आडवाणी ने कहा, ‘‘बहुत दिनों बाद अच्छा समाचार आया है… और इसलिए मैं तो आज इतना ही कह सकता हूं…आज के अवसर के लिए… जय श्री राम.”
अदालत जब अपना फैसला सुना रही थी उस वक्त आडवाणी अपने परिवार के सदस्यों के साथ टेलीविजन देख रहे थे.उनकी पुत्री प्रतिभा आडवाणी उनकी हाथ पकड़े थीं.आडवाणी ने कहा, ‘‘मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं, नेताओं, संतों और निस्वार्थ भाव से अपनी भागीदारी और बलिदान देने वाले सभी लोगों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं, जिन्होंने मुझे अयोध्या आंदोलन के दौरान ताकत और सहयोग दिया.”
भाजपा नेता ने कहा कि अब वे करोड़ों भारतीयों के साथ अयोध्या में सुंदर राम मंदिर देखना चाहते हैं.गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया.विशेष न्यायाधीश एस. के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी.
उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी.आडवाणी ने गत 24 जुलाई को सीबीआई अदालत में दर्ज कराए गए बयान में तमाम आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक कारणों से इस मामले में घसीटा गया है.
Posted By : Rajneesh Anand