17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Babri Demolition Case: क्या जादू से गिरी थी मस्जिद? बाबरी विध्वंस केस में फैसले पर ओवैसी ने पूछे ये सवाल

Babri Demolition Case : AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अदालत की तारीख का काला दिन करार दिया है

: Babri Demolition Case : अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आज बुधवार को फैसला आ गया. CBI की विशेष अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इस पर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बाबरी मस्जिद विध्वंस (Babri Demolition Verdict) मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अदालत की तारीख का काला दिन करार दिया है. ओवैसी ने एक शेर ट्वीट कर फैसले पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि वही ‘क़ातिल वही मुंसिफ़ अदालत उस की वो शाहिद , बहुत से फ़ैसलों में अब तरफ़-दारी भी होती है.’

CBI की विशेष अदालत के फैसले के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसने मस्जिद तोड़ ये मैं आज पूछना चाहता हूं. ओवैसी ने फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि क्या जादू से मस्जिद को गिराया गया. ओवैसी ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को नाइंसाफी करार देते हुए कहा, ‘मैं बतौर भारतीय मुस्लिम आज अपमान, शर्म और असहाय महसूस कर रहा हूं. AIMIM प्रमुख ने आगे कहा कि CBI कोर्ट का आज का ये फैसला भारत की अदालत की तारीख का एक काला दिन है. सारी दुनिया जानती है कि बीजेपी, RSS, विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना और कांग्रेस पार्टी की मौजूदगी में विध्वंस हुआ. इसकी जड़ कांग्रेस पार्टी है, इनकी हुकूमत में मूर्तियां रखी गईं.

Also Read: Babri masjid demolition verdict : बाबरी मस्जिद निर्माण से विध्वंस तक, जानें 492 वर्षों का पूरा घटनाक्रम

बता दें कि CBI की विशेष अदालत ने आज फैसला सुनाते हुए पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी के सीनियर नेता विनय कटियार समेत कुल 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने कहा है कि अदालत ने साक्ष्यों को नज़रअंदाज़ कर दिया और सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया. उन्होंने साथ ही कहा कि ‘अब इस मामले को उच्च न्यायालय में ले जाया जाएगा’

Posted by : Rajat Kumar

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें