Babri masjid demolition verdict : फैसले पर बोले आडवाणी ‘आज खुशी का दिन’, लगाया जय श्री राम का नारा
Babri masjid demolition verdict : बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आज सीबीआई कोर्ट ने 28 सालों बाद अपना फैसला सुना दिया. साथ ही इस मामले में 32 लोगों को आरोप से मुक्त कर दिया. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Adwani) पर भी आरोप था. आज कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद आरोपों से मुक्त होने की खुशी जाहिर करत हुए आडवाणी ने कहा कि यह फैसला राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति मेरे व्यक्तिगत और भाजपा के विश्वास तथा प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आज सीबीआई कोर्ट ने 28 सालों बाद अपना फैसला सुना दिया. साथ ही इस मामले में 32 लोगों को आरोप से मुक्त कर दिया. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पर भी आरोप था. आज कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद आरोपों से मुक्त होने की खुशी जाहिर करत हुए आडवाणी ने कहा कि यह फैसला राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति मेरे व्यक्तिगत और भाजपा के विश्वास तथा प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
उन्होंने बताया कि जब कोर्ट का फैसला आ रहा था वो भी उस पर निगाह रखे हुए थे. साथ ही कहा कि हम सभी के लिए यह खुशी का पल है, अदालत के आदेश के बाद हमने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया राम मंदिर निर्माण पर बोलते हुए कहा कि लाखों देशवासियों के साथ, मैं भी अब अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण के पूरा होने का इंतजार कर रहा हूं.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बाबरी विध्वंस मामले में लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बुधवार को सुनाए गए फैसले में सभी आरोपियों को बरी करने का स्वागत करते हुए इसे ‘‘सत्य की जीत” करार दिया. अदालत के फैसले के तत्काल बाद भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष ने ट्वीट किया, ‘‘बाबरी इमारत विध्वंस मामले में आरोपी सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है.
अदालत ने विध्वंस के पीछ किसी प्रकार के षडयंत्र होने की बात को खारिज किया है. अदालत ने माना है कि विध्वंस उकसावे की तात्कालिक प्रतिक्रिया का परिणाम था. सत्य की जीत होती है.” रक्षा मंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने फैसले का स्वागत करते हुए इसे न्याय की जीत बताया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं.
इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है.” केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. यह एक आकस्मिक घटना थी. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी.
विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी 32 आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था. हालांकि वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी,उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधान अलग-अलग कारणों से न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके.
Posted By: Pawan Singh