जर्मनी में फंसी गुजरात की बेबी अरिहा शाह को भारत लाने की कोशिश तेज होती जा रही है.वहीं, इस मामले में बच्ची की मां ने केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है. गौरतलब है कि बच्ची के परिजन का आरोप है कि उसे 20 महीने से जर्मनी के जिस सेंटर में रखा गया था अब वहां से उसे हटा दिया गया है. परिजनों ने कहा है कि उसे मंदबुद्धि सेंटर में रखा गया है. बच्ची के परिजनों का कहना है कि बच्ची की मानसिक हालत खराब बताकर उसके साथ ट्रीट किया जा रहा है.
पीएम मोदी से भी लगा चुके हैं गुहार
गौरतलब है कि इससे पहले भी बच्ची के माता पिता बच्ची को लेकर पीएम मोदी से गुहार लगा चुके हैं. उन्होंने आरोप भी लगाया था कि हमें जर्मनी में निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिल रही है. हमें बच्चे को अपनी कस्टडी में लाने की जरूरत है. बेबी अरिहा शाह की मां धारा शाह ने मार्च महीने में भी केन्द्र सरकार से गुहार लगाते हुए कहा था हम पीएम मोदी से व्यक्तिगत रूप से इस मामले पर ध्यान देने और मेरी बेटी को वापस लाने में मदद करने की अपील करते हैं.
क्यों जर्मनी की कस्टडी में है भारतीय बच्ची
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेबी अरिहा के पिता भावेश शाह वर्क वीजा पर जर्मनी में इंजीनियर हैं. जब अरिहा सात महीने की थी तब एक दिन उसके शरीर के एक हिस्से पर खून का धब्बा मिला था. इस घटना के बाद जर्मन अधिकारियों ने बेबी अरिहा को अपनी कस्टडी में ले लिया. जर्मन प्रशासन ने माता-पिता पर बेबी अरिहा के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. वहीं, मामले को लेकर बेबी अरिहा के माता-पिता का कहना है कि एक मामूली दुर्घटना में बच्ची को चोट लग गई थी, लेकिन तमाम दलीलों को दरकिनार करते जर्मन अधिकारियों ने उसे अपनी कस्टडी में ले लिया. इसके बाद से अरिहा को पाने के लिए उसके माता-पिता कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.
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सीएम शिंदे ने जयशंकर को लिखी चिट्ठी
वही, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले को लेकर गुरुवार को भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को एक चिट्ठी लिखी थी. इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची का कहना है कि हम जर्मनी से बच्ची को भारत वापस लाने की कवायद में जुटे हैं. जर्मनी से हम अनुरोध कर रहे हैं कि वो एक भारतीय नागरिक है, उसे जल्द से जल्द वापस किया जाये. बता दें, भारतीय दूतावास जर्मन अधिकारियों के लगातार संपर्क में है.