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कुलभूषण को छुड़ाने के लिए पाकिस्तान से हुई थी बैकडोर बातचीत, पर नहीं बनी बात

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना ऑफिसर कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को वापस लाने के लिए कई बार बैक-चैनल बातचीत के जरिये से वहां की सरकार को मनाने की कोशिशें की गईं थी . राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने खुद पाकिस्तान में समकक्ष नासिर खान जांजुआ से इसके लिए बात की थी. हालांकि यह बातचीत बेनतीजा रही. भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने इस बात का खुलासा किया है. इस मामले में साल्वे इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भारत के कॉउंसिलर भी थे.

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना ऑफिसर कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को वापस लाने के लिए कई बार बैक-चैनल बातचीत के जरिये से वहां की सरकार को मनाने की कोशिशें की गईं थी . राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने खुद पाकिस्तान में समकक्ष नासिर खान जांजुआ से इसके लिए बात की थी. हालांकि यह बातचीत बेनतीजा रही. भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने इस बात का खुलासा किया है. इस मामले में साल्वे इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भारत के कॉउंसिलर भी थे. बता दें कि पाकिस्तान की अदालत ने कुलभूषण जाधव को भारत का जासूस होने का आरोप लगाते हुए अप्रैल 2017 में फांसी की सजा सुनाई थी.

बातचीत से नहीं बनी बात

हरिश साल्वे ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के सवाल में जवाब देते हुए कहा था कि उन्हें उम्मीद थी कि पिछले दरवाजे से बातचीत के आधार पर पाकिस्तान को मना लिया जायेगा.हम पाकिस्तान से कुलभूषण को मानवीय आधार पर छोड़ने की बात कह रहे थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि कुलभूषण का मुद्दा पाकिस्तान के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ा मुद्दा बन गया था

2016 से अब तक क्या क्या हुआ

कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में साल 2016 से हैं. पाकिस्तान आरोप लगाता है कि कुलभूषण जाधव एक जासूस है. हालांकि, भारत की ओर से इस दावे को कई बार नकारा जा चुका है. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने 3 मार्च 2016 को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था. साल 2017 में भारत ने इस मामले को ICJ में उठाया. पिछले साल जुलाई में कोर्ट ने पाकिस्तान से कहा कि वो कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस (Consular Access) दे और फांसी की सजा पर फिर से विचार करे.

दोबारा ICJ जाने पर विचार

न्यायालय (आइसीजे) में भारत की तरफ से कुलभूषण की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे का कहना है कि इस बारे में अब हम विचार कर रहे हैं कि क्या हमें फिर से ICJ जाना चाहिए या नहीं. दरअसल पाकिस्तान ने इस बारे अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है.

सहयोग नहीं कर रहा पाकिस्तान

साल्वे ने कहा ”पाकिस्तान ने इस बारे अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है, एफआईआर की कॉपी और चार्जशीट की कॉपी भी नहीं दी गई है. बार-बार कहने के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से कोई सबूत नहीं दिया जा रहा है.

फांसी पर पुनर्विचार

पाकिस्तान में कुलभूषण की गिरफ्तारी के बाद उन्हें 2017 में फांसी की सजा सुनाई गयी थी. कुलभूषण को अपना पक्ष रखने के लिए कोई काउंसलर भी नहीं दिया गया. वर्ष 2017 में ही भारत ने फांसी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. आईसीजे ने जुलाई 2019 में पाकिस्तान को जाधव को फांसी न देने और सजा पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया. तब से अब तक पाकिस्तान ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है.

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