भारी बर्फबारी के बीच बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा शुरू हो गई है. वैशाख शुरू होने के साथ ही बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाते हैं और इसकी घोषणा टिहरी नरेश करते हैं.
उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए गुरुवार से खोल दिये गये. कपाट सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर श्रद्धालुओं के खोल दिया गया. कपाट खुलने से पहले मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. आर्मी बैंड की मधुर धुन और भक्तों द्वारा जय बद्री विशाल के नारों के बीच बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले गये.
मंदिर को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया
बद्रीनाथ धाम मंदिर को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है. हालांकि मंदिर के कपाट खुलने के समय वहां भारी बर्फबारी हो रही थी.
चार धाम की यात्रा शुरू
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा शुरू हो गई है. वैशाख शुरू होने के साथ ही बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाते हैं और इसकी घोषणा टिहरी नरेश करते हैं.
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#WATCH | The portals of Badrinath Dham opened amid melodious tunes of the Army band and chants of Jai Badri Vishal by the devotees. pic.twitter.com/hoqrP2Tpyq
— ANI (@ANI) April 27, 2023
खराब मौसम के बीच खुले केदारनाथ धाम के कपाट
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को दर्शन के लिए खोल दिया गया. हालांकि, मौसम खराब रहने की आशंका के मद्देनजर श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है. मौसम विभाग द्वारा 29 अप्रैल तक बर्फबारी और बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किए जाने की वजह से राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण 30 तारीख तक के लिए बंद कर दिया जबकि ऋषिकेश, गौरीकुंड, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग सहित कई जगहों पर यात्रियों को फिलहाल वहीं ठहरने को कहा जा रहा है.
20 क्विंटल फूलों से सजाये गये थे केदारनाथ धाम
मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था. अत्यधिक ठंड के बावजूद मंदिर के कपाट खुलने का साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे. केदारनाथ धाम में रुक- रुक कर बर्फबारी व बारिश को देखते हुए श्रद्धालुओं से यात्रा शुरू करने से पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने तथा प्रतिकूल मौसमी दशाओं के मद्देनजर केदारनाथ धाम में निवास की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित करने की अपील की गयी.