Bahraich violence: बहराइच हिंसा में जान गंवाने वाले 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा के साथ अत्यधिक क्रूरता की गई थी. हत्यारों ने गोली मारने से पहले उसकी बुरी तरह पिटाई की और धारदार हथियार से भी हमला किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो खुलासे हुए हैं, वे दिल दहला देने वाले हैं. उसके चेहरे, गले और सीने पर करीब 35 छर्रे लगने के निशान मिले हैं.
सूत्रों के अनुसार, रामगोपाल की हत्या से पहले उसे बर्बर तरीके से टॉर्चर किया गया था. रिपोर्ट में करंट और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण मौत की पुष्टि की गई है. शरीर पर भारी गोली (भरुआ कारतूस) के निशान मिले हैं, और उसके सिर, माथे और हाथ पर धारदार हथियार से हमले के जख्म थे. रामगोपाल के साथ की गई बर्बरता यहीं खत्म नहीं हुई थी. उसके पैर के नाखूनों को जबरन खींचकर बाहर निकाला गया था, जिसकी पुष्टि उसके अंगूठे कर रहे थे. उसे मारने के लिए करंट भी लगाया गया था, और उसकी आंखों के पास किसी नुकीली वस्तु से गहरे घाव किए गए थे.
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घटना बहराइच जिले की महसी तहसील के महराजगंज की है, जहां मूर्ति विसर्जन के दौरान आरोपियों ने रामगोपाल का अपहरण कर उसकी हत्या की. जब शव बरामद हुआ और पोस्टमार्टम कराया गया, तो यह खुलासा हुआ कि रामगोपाल को गोली मारने से पहले क्रूरतापूर्वक टॉर्चर किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, करंट और घावों से अत्यधिक रक्तस्राव के कारण रामगोपाल को ब्रेन हेमरेज हुआ, जिसके चलते उसकी मौत हो गई.
बहराइच में हिंसा की शुरुआत इस प्रकार हुई थी कि हरदी थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव के निवासी रामगोपाल मिश्रा रविवार की शाम करीब 6 बजे दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन जुलूस में शामिल थे. जब यह जुलूस महराजगंज बाजार के एक विशेष समुदाय के मोहल्ले से होकर गुजर रहा था, तो दोनों पक्षों के बीच बहस छिड़ गई. इस दौरान आरोप लगाया गया कि छतों से पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिससे जुलूस में अफरा-तफरी मच गई.इस दौरान रामगोपाल को एक घर में ले जाकर बेरहमी से मार दिया गया. उसकी मौत की खबर फैलते ही महराजगंज में हिंसा भड़क उठी. गुस्साई भीड़ ने आरोपी के घर और कई वाहनों में तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी.
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सोमवार को जब रामगोपाल का शव गांव पहुंचा, तो भीड़ का गुस्सा और बढ़ गया और वे बेकाबू हो गए. महराजगंज क्षेत्र में कई घरों, नर्सिंग होम, बाइक शोरूम और दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. स्थिति को गंभीर होते देख, पूरे जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई, और पीएसी व आरएएफ को तैनात कर दिया गया. एसटीएफ चीफ भी खुद पिस्टल लेकर सड़कों पर उतर आए. तीन दिन बीतने के बाद भी महसी के महाराजगंज क्षेत्र में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है.