कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, बालासोर रेल दुर्घटना की CBI जांच पर उठाये सवाल
मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में जिक्र किया है कि दुर्घटनाएं आम लोगों को डराती हैं, इसलिए जरूरत आज इस बात की है कि हम रेलवे की स्थिति में सुधार करें, बुनियादी सुविधाओं और व्यवस्थाओं में परिवर्तन लायें ताकि लोगों का भरोसा रेलवे पर कायम रहे.
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर अफसोस जताया है साथ ही पीएम मोदी को यह सलाह भी दी है कि किस तरह वे भारतीय रेलवे की स्थिति में सुधार कर सकते हैं, ताकि इस तरह की दुर्घटना दोबारा ना हो. इस पत्र में खरगे ने दुर्घटना की सीबीआई जांच कराये जाने पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि रेलवे की जो कमियां हैं उसे रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव स्वीकार नहीं कर रहे और सीबीआई जांच की बात कर रहे हैं, जबकि यह एजेंसी क्राइम की जांच करती है.
भारतीय रेलवे पर देश का भरोसा
मल्लिकार्जु खरगे ने अपने पत्र में लिखा है कि ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना बहुत ही दुखद है. भारतीय रेल के इतिहास में यह खतरनाक रेल दुर्घटनाओं में से एक है. इस दुखद स्थिति में पूरा देश पीड़ितों के साथ खड़ा है और उनके प्रति सहानुभूति रखता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारतीय रेलवे पर देश के हजारों लोगों का भरोसा है और यह ट्रांसपोर्टेशन का सबसे सस्ता और सशक्त माध्यम है.
Congress President Mallikarjun Kharge writes a letter to Prime Minister Narendra Modi regarding the Balasore train accident. pic.twitter.com/rtc2oLOXoC
— ANI (@ANI) June 5, 2023
आम लोगों को डराती हैं दुर्घटनाएं
दुर्घटनाएं आम लोगों को डराती हैं, इसलिए जरूरत आज इस बात की है कि हम रेलवे की स्थिति में सुधार करें, बुनियादी सुविधाओं और व्यवस्थाओं में परिवर्तन लायें ताकि लोगों का भरोसा रेलवे पर कायम रहे. मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को सलाह देते हुए 11 बेसिक चीजें बतायी हैं जिनकी ओर पीएम मोदी को ध्यान देना चाहिए.
रेलवे के तीन लाख पद रिक्त
1. खरगे ने बताया कि रेलवे में तीन लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हैं. ईस्ट-कोस्ट रेलवे जिस रीजन में यह दुर्घटना हुई उस इलाके में 8278 पद रिक्त हैं. खरगे ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि 90 के दशक में कुल 18 लाख रेलवे कर्मचारी थे जो अब घटकर 12 रह गये हैं. उन्होंने कहा कि यह स्थिति आरक्षित वर्ग के लोगों के लिए रोजगार के अवसर कम रही है, जो खतरे की घंटी है.
2. खरगे ने दूसरा सवाल यह किया है कि जब रेलवे खुद इस बात को मानता है कि मैन पावर की कमी की वजह से रेलवे के लोको पायलट पर काम का बोझ अधिक रहता है और उन्हें ड्यूटी आवर से ज्यादा काम करना पड़ता है तो आखिर क्यों रेलवे ने इस स्थिति में बदलाव के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाये हैं, जबकि यह दुर्घटना की बड़ी वजह है.
सिग्नल सिस्टम को दुरुस्त करने की जरूरत
3. तीसरे प्वाइंट में खरगे ने यह मुद्दा उठाया है कि साउथ-वेस्ट जोनल रेलवे के प्रिंसिपल चीफ आॅपरेटिंग मैनेजर ने यह कहा था कि सिग्नल सिस्टम को दुरुस्त करने की जरूरत है, क्योंकि इसकी वजह से दुर्घटनाएं हो सकती हैं, तो आखिर क्यों रेलवे ने उस सुझाव को अनदेखा किया.
4. खरगे ने अपने पत्र में सीएजी की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया है कि किस तरह मेनटेंस में फंड की कमी की वजह से रेल दुर्घटनाएं हुईं, लेकिन सरकार उनसे अनभिज्ञ है.
5. खरगे ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना की सीबीआई द्वारा जांच कराये जाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि सीबीआई क्राइम की जांच करती है, वह किस तरह रेलवे दुर्घटना के तकनीकी पक्षों की जानकारी सामने लेकर आयेगी.
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