बालासोर रेल हादसा: किसी को पानी खून की तरह दिख रहा तो किसी को भूख नहीं, NDRF कर्मियों की हो रही काउंसिलिंग

डिजास्टर रेस्पॉन्स के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग पर एनुअल कॉन्फ्रेंस, 2023 को संबोधित करते हुए करवाल ने कहा- मैं बालासोर ट्रेन हादसे के बाद बचाव अभियान में शामिल अपने कर्मियों से मिला, एक कर्मी ने मुझे बताया कि वह जब भी पानी देखता है तो उसे वह खून की तरह लगता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2023 2:15 PM
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नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फाॅर्स (NDRF) के डायरेक्टर जनरल अतुल करवाल ने बताया कि ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान में तैनात बल का एक कर्मी जब भी पानी देखता है तो उसे वह खून की तरह लगता है जबकि एक अन्य बचावकर्मी को भूख लगना बंद हो गयी है. बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने के बाद बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ के नौ दलों को तैनात किया गया था. भारत के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक इस दुर्घटना में कम से कम 278 लोगों की मौत हो गयी तथा 900 से अधिक लोग घायल हो गए. ऑफिशियल आंकड़ों के अनुसार, फाॅर्स ने 44 पीड़ितों को बचाया और घटनास्थल से 121 शव बरामद किए.

मनोवैज्ञानिक काउंसेलिंग और मेन्टल स्टेबिलिटी कोर्स शुरू

डिजास्टर रेस्पॉन्स के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग पर एनुअल कॉन्फ्रेंस, 2023 को संबोधित करते हुए करवाल ने कहा- मैं बालासोर ट्रेन हादसे के बाद बचाव अभियान में शामिल अपने कर्मियों से मिला, एक कर्मी ने मुझे बताया कि वह जब भी पानी देखता है तो उसे वह खून की तरह लगता है. एक अन्य बचावकर्मी ने बताया कि इस बचाव अभियान के बाद उसे भूख लगना बंद हो गयी है. हाल में दुर्घटनास्थल का दौरा करने वाले एनडीआरएफ के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि बल ने अपने कर्मियों के बचाव एवं राहत अभियान से लौटने पर उनके लिए मनोवैज्ञानिक काउंसेलिंग और मेन्टल स्टेबिलिटी कोर्स शुरू किया है.

18,000 कर्मियों में से 95 प्रतिशत कर्मी फिट

डायरेक्टर जनरल अतुल करवाल ने कहा, अच्छी मानसिक सेहत के वास्ते ऐसी काउंसेलिंग हमारे उन कर्मियों के लिए करायी जा रही है जो आपदाग्रस्त इलाकों में बचाव एवं राहत अभियानों में शामिल होते हैं. करवाल ने कहा कि पिछले साल से अब तक इस संबंध में कराए विशेष अभ्यास के बाद तकरीबन 18,000 कर्मियों में से 95 प्रतिशत कर्मी फिट पाए गए.

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