Gujarat News गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को कहा है कि शाकाहारी और मांसाहारी का सवाल नहीं है. लोग जो चाहें खाने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन, स्टालों पर बेचा जा रहा भोजन हानिकारक नहीं होना चाहिए. साथ ही स्टालों को यातायात प्रवाह में बाधा नहीं डालनी चाहिए. बता दें कि गुजरात के वडोदरा, राजकोट और भावनगर में खुले में मांस बिक्री पर बैन लगाने की मांग की गई है.
इन सबके बीच, गुजरात के अहमदाबाद में धार्मिक स्थानों और सार्वजनिक मार्ग पर अंडे और नॉनवेज की रेहड़ी खड़ी रखने पर पाबंदी लगा दी गई है. 16 नवंबर से अहमदाबाद में यह निर्णय लागू होगा. अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने ये फैसला लिया है. ऐसे में अहमदाबाद शहर में स्कूल, कॉलेज, कम्युनिटी हॉल, मंदिर के पास अंडे और नॉनवेज नहीं बेचे जा सकेंगे. अहमदाबाद नगर निगम की टाउन प्लानिंग कमेटी के अध्यक्ष देवांग दानी ने कहा, स्कूलों, कॉलेजों और धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे में और सार्वजनिक सड़कों पर मांसाहारी सामान बेचने की अनुमति नहीं होगी. मंगलवार से ये फैसला लागू होगा.
It is not a question of vegetarian and non-vegetarian. People are free to eat whatever they want. But the food being sold at stalls should not be harmful & the stalls should not obstruct traffic flow: Gujarat CM Bhupendra Patel in Anand pic.twitter.com/0839VdSjrp
— ANI (@ANI) November 15, 2021
गुजरात में इससे पहले भावनगर, जूनागढ़ , राजकोट और बड़ौदा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने धार्मिक स्थलों के आस-पास और सार्वजनिक मार्गों पर नॉनवेज व अंडे की दुकान नहीं लगाने के आदेश दिए गए थे. हालांकि, गुजरात भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल ने नगर निगमों के निर्देश दिया है कि वे अपने व्यक्तिगत मान्यताओं के आधार पर ऐसी कोई घोषणा नहीं करें. लेकिन, पार्टी के नेता इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वडोदरा नगर निकाय की स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेंद्र पटेल ने बीते दिनों खुले में मांस बेचने वाले फूड स्टाल्स को हटाने के लिए पंद्रह दिन का समय दिया था.
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