Union Carbide Waste: पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया में यूनियन कार्बाइड से जुड़ी 337 टन जहरीले कचरे के निपटान को लेकर शुक्रवार को धार जिले में विरोध प्रदर्शन और चक्काजाम हुआ. कुछ लोगों ने आत्मदाह की कोशिश भी की. इस पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने देर रात एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, चीफ सेक्रेटरी अनुराग जैन, एडवोकेट जनरल और लॉ सेक्रेटरी ने भाग लिया.
मुख्यमंत्री ने जनता को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनकी सुरक्षा और हितों को प्राथमिकता देती है और इस निर्णय पर सहमति जताई गई कि जनभावना को कोर्ट में रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश तक पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा नहीं जलाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप लिया गया है और जनता को कोई भी नुकसान न पहुंचे, इसके लिए वे प्रतिबद्ध हैं.
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मध्य प्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड से जुड़े 337 टन जहरीले कचरे के निपटान को लेकर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन और चक्काजाम हुआ. लोग विरोध स्वरूप बंद का आह्वान करते हुए सड़कों पर उतरे और हाईवे पर जाम लगाया. इस दौरान पथराव की घटना भी हुई, जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. दो लोग आत्मदाह की कोशिश में गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है और लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है. उन्होंने अफवाहों से बचने की अपील की और बताया कि कचरे को जलाने का काम अदालत के आदेशों के अनुरूप होगा.
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मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को पीथमपुर की स्थितियों और सुरक्षा मानकों के बारे में पूरी जानकारी दी है और अदालत के निर्देशों का पालन करते हुए कचरा यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया में भेजा गया. यदि किसी तरह की खतरे की भावना उत्पन्न होती है तो सरकार इस मुद्दे को अदालत में उठाएगी. पीथमपुर में हुए बवाल के संबंध में पुलिस ने पांच एफआईआर दर्ज की हैं. फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में है और शहर में सामान्य जीवन बहाल हो गया है. पुलिस ने स्थिति पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है.
यूनियन कार्बाइड गैस त्रासदी में हजारों जानें गईं थीं और उस समय से फैक्ट्री में पड़े कचरे को हटाने के लिए न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार ने इसे पीथमपुर भेजा. हालांकि, स्थानीय लोग और सामाजिक संगठनों ने कचरा जलाने के खिलाफ विरोध किया, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे प्रदूषण बढ़ सकता है और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. पिछले आदेशों के तहत कचरे को जलाने के लिए पीथमपुर के वेस्ट डिस्पोजल प्लांट को चुना गया, क्योंकि यह राज्य का एकमात्र अत्याधुनिक संयंत्र है, जहां वैज्ञानिक मानकों का पालन करते हुए कचरे का निपटान किया जाएगा.
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