Bangladesh Violence Against Hindu: बांग्लादेश के हिंदुओं को बचाना भारत की जिम्मेदारी! मोहन भागवत ने जानें क्या कहा

Bangladesh Violence Against Hindu: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बांग्लादेश के हिंदुओं के ऊपर जारी अत्याचार पर रिएक्शन दिया है. जानें उन्होंने क्या कहा

By Amitabh Kumar | August 15, 2024 11:10 AM

Bangladesh Violence Against Hindu: बांग्लादेश में जारी उलथ-पुथल के बीच हिंदुओं को वहां निशाना बनाया जा रहा है. इससे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चिंतित है. हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर टारगेट करके किए जा रहे हमले को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि बांग्लादेश में वाले हिंदुओं को अकारण हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि उन्हें किसी भी तरह के अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र के महल क्षेत्र में आरएसएस मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद कहा कि आने वाली पीढ़ी का यह कर्तव्य है कि वह स्वतंत्रता के ‘स्व’ की रक्षा करे, ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया में हमेशा ऐसे लोग होते हैं जो दूसरे देशों पर हावी होना चाहते हैं. हमें उनसे सतर्क एवं सावधान रहना होगा तथा स्वयं को बचाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि स्थिति हमेशा एक जैसी नहीं रहती. कभी-कभी स्थिति अच्छी होती है, तो कभी-कभी स्थिति उतनी अच्छी नहीं होती. ये उतार-चढ़ाव तो चलते ही रहेंगे.

मोहन भागवत ने बांग्लादेश का नाम लिए बगैर कहा कि हम अब स्थिति देख सकते हैं. पड़ोसी देश में हिंसा का दौर जारी है. वहां रहने वाले हिंदुओं को बिना किसी कारण के, इसका सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि दूसरों की मदद करना भारत की परंपरा रही है. हमने पिछले कुछ सालों में देखा है कि भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, बल्कि मुसीबत में फंसे लोगों की मदद की, भले ही उनका हमारे साथ कैसा भी व्यवहार रहा हो. इस स्थिति में हमें यह भी देखना है कि हमारा देश सुरक्षित रहे और साथ ही दूसरे देशों की भी मदद करनी है.

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आगे भागवत ने कहा कि यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि अस्थिरता और अराजकता की मार झेल रहे लोगों को किसी परेशानी, अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े. कुछ मामलों में सरकार को अपने स्तर पर भी देखना पड़ता है, लेकिन उसे ताकत तभी मिलती है जब समाज अपना कर्तव्य निभाता है और देश के लिए प्रतिबद्धता दिखाता है.
(इनपुट पीटीआई)

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