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Bangladesh Violence: “बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार का भारतीय मुसलमानों से क्या लेना-देना?”, ओवैसी का योगी पर हमला

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो बयान दिया है उससे सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है.

Bangladesh Violence: संभल में दंगाइयों और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमला करने वालों के बीच तुलना करने पर असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख ने योगी पर निशाना साधते हुए एक्स पर एक लंबा पोस्ट डाला.

बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार का भारतीय मुसलमानों से क्या लेना-देना?

ओवैसी ने सीएम योगी से पूछा, बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार का भारतीय मुसलमानों से क्या लेना-देना?. उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर भी हमला किया. ओवैसी ने कहा, अगर सरकार को वहां हिंदू अल्पसंख्यकों की चिंता है तो उसने अपदस्थ पूर्व पीएम शेख हसीना को वापस क्यों नहीं भेजा.

योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश और संभल पर क्या दिया था बयान?

अयोध्या के राम कथा पार्क में रामायण मेले के उद्घाटन समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “500 ​​साल पहले अयोध्या कुंभ में बाबर के आदमी ने जो किया, वही संभल में हुआ और वही बांग्लादेश में हो रहा है”. “तीनों की प्रकृति और उनका डीएनए एक ही है. अगर कोई मानता है कि बांग्लादेश में ऐसा हो रहा है, तो वही तत्व यहां भी आपको सौंपने के लिए इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने सामाजिक एकता को तोड़ने की पूरी व्यवस्था कर रखी है.”

ओवैसी ने एक्स पर क्या लिखा?

ओवैसी ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, “योगी ने आज बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों, बाबरी मस्जिद और संभल के बारे में कुछ बेतुकी बातें कीं.” “किसी भी अल्पसंख्यक को कहीं भी सताया नहीं जाना चाहिए, लेकिन बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार का भारतीय मुसलमानों से क्या लेना-देना है? या उनका मतलब यह है कि यहां के मुसलमानों के साथ बंधकों जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए? अगर उन्हें बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की इतनी चिंता है, तो आप शेख हसीना को वापस क्यों नहीं भेज देते? वह भारत में क्यों रह रही हैं?”

कोई सबूत नहीं है कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी

ओवैसी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, सुप्रीम कोर्ट ने खुद स्वीकार किया है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी. “संभल जामा मस्जिद का मामला भी 1877-79 में ही हल हो गया था और अदालतों ने साफ कहा था कि संभल की जामा मस्जिद एक मस्जिद है और वहां कोई मंदिर नहीं है, न ही वहां हिंदू पूजा होती है.

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योगी की दुकान में सच्चाई का कोई महत्व नहीं

ओवैसी ने हमला जारी रखते हुए कहा, “योगी की दुकान में सच्चाई का कोई महत्व नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम चुपचाप उनकी बात मान लेंगे. उनके बयान से यह साफ हो जाता है कि मस्जिदों को मंदिर में बदलने के ये मामले भाजपा द्वारा प्रायोजित हैं. जब कोई मामला अदालत में विचाराधीन हो, तो किसी को भी उसे प्रभावित करने का अधिकार नहीं है.”

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