Bangladesh Violence: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसा भड़कने के बाद से जनजीवन प्रभावित है. शनिवार को पुलिस ने पूरे देश में सख्त कर्फ्यू लागू कर दिया और सैन्य बलों ने राष्ट्रीय राजधानी ढाका के विभिन्न हिस्सों में गश्त की. इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि अब तक 778 भारतीय छात्र बंदरगाहों के रास्ते से भारत लौट आए हैं. इसके अलावा, लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों के माध्यम से नियमित उड़ान सेवाओं द्वारा स्वदेश लौटे हैं.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि ढाका में भारतीय उच्चायोग और हमारे सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न यूनिवर्सिटी में रह रहे 4000 से अधिक छात्रों के साथ लताार संपर्क में हैं. उन्हें जरूरी सहायता प्रदान किया जा रहा है. नेपाल और भूटान के छात्रों को भी अनुरोध पर भारत में प्रवेश करने में सहायता की गई है.
40 से ज्यादा लोगों की गई जान
बांग्लादेश में जारी हिंसा में 40 से ज्यादा लोगों की जान गई है. मरने वाले लोगों की संख्या के बारे में अलग-अलग रिपोर्ट सामने आईं और ‘समय’ टीवी के अनुसार 43 लोगों की मौत हिंसा की वजह से हुई है. ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के एक रिपोर्टर ने ढाका मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 23 शव देखे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि क्या उन सभी की मौत हिंसा की वजह से शुक्रवार को हुई. इससे पहले गुरुवार को प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा देश में पूर्ण बंद लागू करने की कोशिश की गई जिसमें 22 लोगों की मौत हुई थी.
Read Also : बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हो रहे प्रदर्शन में 35 से ज्यादा की मौत, जानें क्या करें वहां रह रहे भारतीय
आरक्षण को लेकर हो रही है हिंसा
आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में हिंसा जारी है. प्रदर्शनकारी उस नियम को खत्म करने की मांग कर रहे हैं जिसके तहत 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले पूर्व सैनिकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाता है.