Bathinda Military Station Firing: जवानों की हत्या करने वाले हमलावर की तलाश जारी, चश्मदीद के दावे पर संदेह
पुलिस प्राथमिकी के अनुसार, गोलीबारी के बाद एक जवान ने दो अज्ञात लोगों को सफेद कुर्ता पजामा में बैरक से बाहर आते देखा. दोनों के मुंह और सिर कपड़े से ढके हुए थे. इनमे से एक के बाद इंसास राइफल और दूसरे के बाद एक कुल्हाड़ी थी.
पंजाब में बठिंडा सैन्य अड्डे पर बुधवार को की गई गोलीबारी के हमलावरों की तलाश जारी है. गोलीबारी की इस घटना में सेना के चार जवानों की मौत हो गयी थी. गौरतलब है कि गोलीबारी बठिंडा सैन्य अड्डे पर बुधवार सुबह करीब साढ़े चार बजे तोपखाना इकाई में भोजनालय के पीछे मौजूद बैरक के पास हुई, जिसमें चार सैनिक मारे गए. घटना के समय चारों सैनिक सो रहे थे जिनकी उम्र 24 से 25 साल के बीच थी.
चश्मदीदी के दावे पर संदेह
पुलिस प्राथमिकी के अनुसार, गोलीबारी के बाद एक जवान ने दो अज्ञात लोगों को सफेद कुर्ता पजामा में बैरक से बाहर आते देखा. दोनों के मुंह और सिर कपड़े से ढके हुए थे. इनमे से एक के बाद इंसास राइफल और दूसरे के बाद एक कुल्हाड़ी थी. हालांकि चश्मदीद के दावे को पुलिस संदेह की नजर देख रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि पोस्टमार्टम में तेज धार वाले हथियार से वार का कोई निशान नहीं मिला है. जवानों के शवों का बुधवार शाम पोस्टमार्टम किया गया.
गोलीबारी में इन जवानों की गयी जान
प्राथमिकी के अनुसार, संदिग्ध, मध्यम कद काठी के थे और जवान को देखकर बैरक के पास एक जंगली इलाके की ओर चले गए. इसके बाद सेना के दो अधिकारी बैरक में गए तो एक कमरे में सागर बन्नी (25) और योगेश कुमार जे. (24) को खून से लथपथ देखा जबकि दूसरे कमरे में कमलेश आर. (24) और संतोष एम नागराल (25) के शव मिले. उनके शरीर पर गोलियों के निशान थे.
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इंसास राइफल से जवानों पर की गयी गोलीबारी
ऐसा संदेह है कि गोलीबारी में इस सप्ताह गायब हो गई इंसास राइफल और 28 गोलियों का इस्तेमाल किया गया. पुलिस ने बताया कि मौके से इंसास की गोली के 19 खाखे बरामद हुए. बठिंडा सैन्य अड्डा देश के सबसे बड़े सैन्य ठिकानों में से एक है और इसमें बड़ी संख्या में बल की परिचालन इकाइयां हैं.