भारत पर हमले के लिए बच्चों को शिकार बना रहा चीन, मोबाइल गेम के जरिए अब भी चुरा रहा डाटा!
मोबाइल का यह गेम भारत सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही बनाया गया था, लेकिन अभी हाल ही में प्रकाशित एक खबर में सुझाव दिया गया है कि इस मोबाइल गेम के जरिए डाटा चीन, हांगकांग, अमेरिका और मॉस्को स्थित सर्वर्स में भेजा जा रहा है.
नई दिल्ली : अगर आपके बच्चे मोबाइल पर बैटल ग्राउंड गेम खेलते हैं, तब आपको सावधान हो जाना चाहिए. वह इसलिए क्योंकि इस गेम के जरिए आपके मोबाइल में फीड डाटा चीन जा रहा है और वहां के साइबर क्रिमिनल आपके मोबाइल डाटा के जरिए आपके बैंक खाते का सफाया तो करेंगे ही, लेकिन भारत में साइबर जासूसी करने का उन्हें एक सशक्त ‘पाथ’ मिल जाएगा.
हालांकि, मोबाइल का यह गेम भारत सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही बनाया गया था, लेकिन अभी हाल ही में प्रकाशित एक खबर में सुझाव दिया गया है कि इस मोबाइल गेम के जरिए डाटा चीन, हांगकांग, अमेरिका और मॉस्को स्थित सर्वर्स में भेजा जा रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस मोबाइल गेम को जिस भारतीय कंपनी ने बनाया था, उसने वादा किया था कि भारत में वापसी के लिए उसने चीन के साथ अपने सारे संबंधों को तोड़ दिया है. उसके इस भरोसे के बाद ही भारत सरकार ने उसे अपने देश में बच्चों के इस गेम को चलाने की इजाजत दी थी.
आईजीएन इंडिया की ओर से साझा की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया एपीके द्वारा भारतीय मोबाइल उपभोक्तों का डाटा चीन सहित कई दूसरे देशों के सर्वरों को भेजता था. खासकर, यह डाटा चीन की राजधानी बीजिंग स्थित चाइना मोबाइल कम्युनिकेशंस सर्वर, हांगकांग में टेन्सेंट (Tencent) द्वारा संचालित प्रॉक्सिमा बीटा, मुंबई, मॉस्को और अमेरिका स्थित माइक्रोसाफ्ट एजूरे (Microsoft Azure) सर्वर को भेजा करता था. गेम को बूट करते समय सबसे पहले यह बीजिंग स्थित टेन्सेंट सर्वर को डाटा भेजता है.
बैटल ग्राउंड इंडिया की यह करतूत मीडिया में सामने आने के बाद कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भारत में बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. कैट के महासचिव प्रवीण महाजन ने कहा कि भारत में बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए संगठन की ओर से केंद्रीय दूरसंचार और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद को चिट्ठी भेजेंगे.
Posted by : Vishwat sen