BBC Documentary Row: भारत में बीबीसी पर लगेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई मांग, जानें क्या कुछ कहा…

Supreme Court ने 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित विवादित BBC Documentary के मद्देनजर भारत में बीबीसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया और कहा, यह पूरी तरह गलत विचार है.

By Samir Kumar | February 10, 2023 5:48 PM
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BBC Documentary Row: सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित विवादित डॉक्यूमेंट्री के मद्देनजर भारत में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी याचिका शुक्रवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह पूरी तरह गलत विचार है.

कोर्ट ने कहा, रिट याचिका पूरी तरह से गलत

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और एक किसान बीरेंद्र कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश सुनाया. पीठ ने कहा, रिट याचिका पूरी तरह से गलत है और इसमें कोई दम नहीं है, तदनुसार इसे खारिज किया जाता है. सुनवाई की शुरुआत में ही न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत विचार है और इसमें कोई दम नहीं है. आप इस पर बहस भी कैसे कर सकते हैं. मेरा मानना है कि यह याचिका गलत है.

हम पूर्ण प्रतिबंध लगा दें?

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने शीर्ष अदालत से डॉक्यूमेंट्री जारी करने के समय पर ध्यान देने का आग्रह किया और कहा कि स्थिति तब ऐसी है, जब ब्रिटेन का प्रधानमंत्री एक भारतीय है. उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है और अब यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. खंडपीठ ने कहा, क्या आप मानती हैं कि इस डॉक्यूमेंट्री से कोई फर्क पड़ेगा. उन्होंने कहा, यह क्या है? क्या आप चाहती हैं कि हम पूर्ण प्रतिबंध लगा दें? वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने दलील दी कि ऐसी ही चीजें निर्भया कांड, कश्मीर विवाद और मुंबई के दंगों के दौरान हुई थीं. पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अब हमारा समय न बर्बाद करें.

याचिका में कही गई थी ये बात

भारत और यहां की सरकार के मामले में बीबीसी के पक्षपाती होने का आरोप लगाते हुए याचिका में कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी पर इसका डॉक्यूमेंट्री भारत और इसके प्रधानमंत्री के वैश्विक उदय के खिलाफ गहरी साजिश का परिणाम है. शीर्ष अदालत ने 3 फरवरी को बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली अलग-अलग याचिकाओं पर केंद्र और अन्य पक्षों से जवाब मांगा था. जिन याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी किये थे, उनमें अनुभवी पत्रकार एन राम, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, वकील प्रशांत भूषण और वकील एम एल शर्मा शामिल हैं.

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