Beating Retreat 2021 : जानें क्यों होती है बीटिंग रिट्रीट, कार्यक्रम के कारण दिल्ली में ऐसी होगी ट्रैफिक व्यवस्था
Beating Retreat 2021 : 29 जनवरी यानी आज शाम दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस बार का बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम की बात करें तो ये बे हद खास होने वाला है.
Beating Retreat 2021 : 29 जनवरी यानी आज शाम दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस बार का बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम की बात करें तो ये बे हद खास होने वाला है. दरअसल इस साल बीटिंग-रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत में एक खास धुन सुनाई देने वाली है जो 1971 युद्ध में पाकिस्तान पर मिली जीत के लिए तैयार की गई है.
इस धुन को ‘स्वर्णिम विजय’ थीम की संज्ञा दी गई है. आपको बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में भारत की जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस धुन को तैयार करने का काम किया गया है. ‘बीटिंग द रिट्रीट’ भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक होता है. इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड नजर आते हैं जो पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं. प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के बाद इस कार्यक्रम का इंतजार लोग करते हैं. 29 जनवरी की शाम को हर साल ‘बीटिंग द रिट्रीट’ (Beating The Retreat) सेरेमनी का आयोजन किया जाता है.
विस्तृत यातायात प्रबंध : विजय चौक पर होने वाले ”बीटिंग रिट्रीट” समारोह के लिए दिल्ली पुलिस ने विस्तृत यातायात प्रबंध किए हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा जारी परामर्श की मानें तो, यातायात संबंधी प्रतिबंध शुक्रवार को दोपहर दो बजे से रात 9:30 बजे तक प्रभावी रहेंगे. इसके मुताबिक, विजय चौक पर आम यातायात पूरी तक बंद रहेगा. सुनहरी मस्जिद चौराहे और कृषि भवन चौराहे के बीच रफी मार्ग पर यातायात बंद रहेगा.
परामर्श के अनुसार, कृषि भवन चौराहे से विजय चौक की ओर रायसीना रोड समेत आसपास के कई मार्गों पर यातायात प्रतिबंधित रहेगा. यात्रियों को रिंग रोड, रिज रोड, अरबिंद मार्ग, मदरसा टी पॉइंट, सफदरजंग रोड और रानी झांसी रोड जैसे वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी गई हैं. इस दौरान बसों को भी अपने सामान्य रूट के बजाय वैकल्पिक मार्गों पर भेजने का काम किया जाएगा. उद्योग भवन और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशनों के गेट दोपहर दो बजे से शाम 6:30 बजे तक बंद रहेंगे.
क्यों और क्या होती है बीटिंग रिट्रीट आप भी जानें: ”’बीटिंग रिट्रीट” सेना की बैरक वापसी का प्रतीक होता है. ऐसी परंपरा दुनियाभर में नजर आती है. लड़ाई के दौरान सेनाएं सूर्यास्त होने पर हथियार रख देतीं हैं और अपने कैंप का रुख करतीं हैं. इस वक़्त एक संगीतमय समारोह किया जाता था, इसे बीटिंग रिट्रीट की संज्ञा दी गई. भारत की बात करें तो यहां बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी. तब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट ने इस सेरेमनी को सेनाओं के बैंड्स के डिस्प्ले के साथ पूरा करने का काम किया था. समारोह में राष्ट्रपति बतौर चीफ गेस्ट शिरकत करते हैं.
Posted By : Amitabh Kumar