VIDEO : दिल्ली से बेंगलुरु पहुंचे मंत्री सदानंद गौड़ा, क्वारेंटिन को लेकर जब विपक्ष ने घेरा, तो दिया ऐसा जवाब…
Sadananda Gowda No Hotel Quarantine : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर विभिन्न राज्यों के विरोध के बीच सोमवार को देश में दो महीने के बाद घरेलू यात्री विमान सेवाएं फिर से शुरू कर दी गईं. केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने भी आज दिल्ली से बेंगलुरु की यात्री की. हालांकि उन्हें यह यात्रा महंगा पड़ गया और अब उन्हें विपक्ष के हमले का सामना करना पड़ रहा है. विपक्ष ने उनके ऊपर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन का आरोप लगाया है.
नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर विभिन्न राज्यों के विरोध के बीच सोमवार को देश में दो महीने के बाद घरेलू यात्री विमान सेवाएं फिर से शुरू कर दी गईं. केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने भी आज दिल्ली से बेंगलुरु की यात्री की. हालांकि उन्हें यह यात्रा महंगा पड़ गया और अब उन्हें विपक्ष के हमले का सामना करना पड़ रहा है. विपक्ष ने उनके ऊपर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन का आरोप लगाया है.
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि मंत्री सदानंद गौड़ा बेंगलुरु पहुंचने के साथ आवश्यक क्वारेंटिन में नहीं रहे. जब गौड़ से इस बारे में मीडिया वालों से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, कुछ खास पदों पर काम कर रहे खास लोगों को क्वारेंटिन के दिशा निर्देशों से छूट दी गई है. जैसे अगर डॉक्टर, नर्स और जरूरी दवाओं की सप्लाई करने वालों को क्वारेंटिन कर दिया जाएगा तो क्या हम कोरोना को रोक पाएंगे.
Guidelines are applicable to all citizens, but there are certain exemption clauses, for those who hold certain responsible posts: S Gowda, Union Minister on allegations by opposition parties that he didn't go to required institutional quarantine after domestic air travel pic.twitter.com/lVVrS1FABc
— ANI (@ANI) May 25, 2020
उन्होंने आगे कहा, मैं एक मंत्री हूं और फार्माक्यूटिकल मंत्रालय को संभाल रहा हूं. मेरा फर्ज है ये सुनिश्चित करना कि देश के हर कोने में दवाइयों की पूरी सप्लाई हो.
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दरअसल विमान सेवा आरंभ किये जाने के बाद राज्य और केंद्र सरकार की ओर से यात्रा को लेकर गाइडलाइन जारी किया गया है, जिसमें एक क्वारेंटिन भी है. यात्रियों को अपने गंतव्य में पहुंचने के साथ खुद को क्वारेंटिन भी रखना होगा या राज्य की ओर से जो गाइडलाइन जारी किया गया है उसका पालन करना होगा.
कर्नाटक सरकार ने भी इसको लेकर गाइडलाइन जारी किया है, जिसके अनुसार, जो लोग कोविड-19 से अधिक प्रभावित राज्यों – महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, राजस्थान और मध्य प्रदेश से आएंगे उन्हें सात दिन के लिए संस्थागत पृथक केंद्र में रहना होगा जिसका खर्च यात्रियों को उठाना होगा.
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कोविड जांच रिपोर्ट में संक्रमित नहीं पाए जाने पर उन्हें अगले सात दिन के लिए घर में पृथक-वास में रहना होगा. जो लोग कम प्रभावित क्षेत्रों से आएंगे उन्हें 14 दिन घर में पृथक-वास में रहना होगा. गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 80 साल और उससे अधिक के बुजुर्गों और मरने की हालत तक बीमार मरीजों को एक अटेंडेंट के साथ जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद घर में पृथक-वास में रहने की अनुमति होगी.
खास मामलों में जहां कारोबारी जरूरी काम से आ रहे हों, उन्हें पृथक-वास की जरूरत के बिना जाने की अनुमति होगी अगर वे आईसीएमआर स्वीकृत लैबोरेटरी से कोविड-19 जांच रिपोर्ट नेगेटिव लाते हैं और यह यात्रा की तिथि से दो दिन पुराना नहीं होना चाहिए. यात्रियों और स्टाफ को कोविड-19 प्रसार के जोखिम से बचाने के प्रयास में, बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (बीआईएएल) ने पार्किग से लेकर विमान में सवार होने तक ऐसी व्यवस्था की है जिससे यात्री किसी चीज के संपर्क में ना आए या उसे किसी चीज को छूना न पड़े.