ग्रीन जोन में बेंच और कोर्ट विधिवत रूप से करेंगे कार्य, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण का आदेश
यदि रजिस्ट्री संतुष्ट है कि OA अन्यथा आदेश में है और उसे तत्काल निपटाए जाने की आवश्यकता है, तो खंडपीठ को उसी के बारे में सूचित किया जाएगा. इसके बाद एचओडी तय करेगा कि मामला उठाना है या नहीं अगर इस मामले की सुनवाई प्रस्तावित है तो यह CISCO WEBEX ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से किया जाएगा.
नयी दिल्ली : सरकार द्वारा 3 मई के बाद दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन की विस्तार की घोषणा करने के एक दिन बाद केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने ग्रीन ज़ोन में अपनी बेंचों के संचालन के निर्णय किया है. जिसमें ग्रीन जोन में स्थित बेंच और कोर्ट को विधिवत रूप से कार्य करने को कहा है.
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने एक अधिसूचना में कहा कि जहां भी बेंच या कोट ग्रीन जोन स्थित है वे विधिवत रूप से कार्य करेंगे, जैसे कि सोशल डिस्टेंस को बनाए रखना, सैनिटाइज की व्यवस्था करना और सीधे संपर्क से बचना. संभव है कि संबंधित क्षेत्र के उच्च न्यायालयों के कामकाज का तरीका अपनाया जाए और गृह मंत्रालय के निर्देशों का पालन किया जाए.
In red & orange zones, cases of urgent nature can be filed through e-mail by contacting the Registrar of concerned Bench of Central Administrative Tribunal: Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions https://t.co/welghsImrc
— ANI (@ANI) May 2, 2020
संबंधित पीठ के विभाग के प्रमुख (HoD) बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के परामर्श से इस संबंध में निर्णय लेंगे.कर्मचारियों की सुविधा और उनके कामकाज के तरीके के बारे में फीडबैक बेंच के रजिस्ट्रार से लिया जाएगा. इस संबंध में लिए गए निर्णयों को प्रधान पीठ की रजिस्ट्री को भेज दिया जाएगा.
गौरतलब है कि 24 मार्च को पहला लॉकडाउन लागू होने के बाद से देश भर में केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की प्रिंसिपल बेंच और उसके अन्य बेंच निलंबित रहे. इसके साथ ही यह लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी निलंबित रहे.सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने आगे कहा कि जो बेंच रेड जोन और ऑरेंज जोन में पड़ती हैं, केवल उन्हीं जरूरी मामलों को दायर किया जाएगा जो संबंधित बेंच के रजिस्ट्रार से संपर्क करके ई-मेल के माध्यम से भी करेंगे.बदले में रजिस्ट्रार ई-मेल आईडी को इच्छुक अधिवक्ता या पार्टी को प्रस्तुत करेगा.
यदि रजिस्ट्री संतुष्ट है कि OA अन्यथा आदेश में है और उसे तत्काल निपटाए जाने की आवश्यकता है, तो खंडपीठ को उसी के बारे में सूचित किया जाएगा. इसके बाद एचओडी तय करेगा कि मामला उठाना है या नहीं अगर इस मामले की सुनवाई प्रस्तावित है तो यह CISCO WEBEX ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से किया जाएगा.