Bengal Bandh: जेपी नड्डा ने बुधवार को बंगाल बंद का किया आह्वान, कहा- ममता बनर्जी के घमंड को करेंगे चकनाचूर

Bengal Bandh: 'नबान्न अभियान' रैली को लेकर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, आम नागरिकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार 28 अगस्त सुबह 6 बजे से 12 घंटे के लिए बंगाल बंद का आह्वान किया है.

By ArbindKumar Mishra | August 27, 2024 10:52 PM
an image

Bengal Bandh: बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए कहा, मुझे विश्वास है कि बंगाल की जनता हमारे साथ खड़ी होगी और ममता बनर्जी के घमंड को चकनाचूर करने और ऐसी दमनकारी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

Bengal Bandh: ममता बनर्जी ने बंगाल में क्रूरता और तानाशाही की सारी हदें पार की

केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ममता जी ने बंगाल में क्रूरता और तानाशाही की सारी हदें पार कर दी हैं. चाहे वह भाजपा कार्यकर्ता की नृशंस हत्या हो, संदेशखली और आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मामलों के दोषियों को बचाने के लिए सरकार और प्रशासन की मिलीभगत हो. सभी मामलों में बंगाल की तानाशाह मुख्यमंत्री का तानाशाही रवैया दिख रहा है. ममता बनर्जी ऐसे अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रही हैं. इसमें क्या मजबूरी है? आप उन्हें बचाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? यहां रक्षक ही भक्षक बन गया है. कोलकाता की सड़कों पर हजारों की संख्या में प्रदर्शन और विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं और पूरा पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ है, जहां आम लोग ममता बनर्जी के खिलाफ अपने घरों से बाहर आ गए हैं.

कोलकाता में एक बेटी के साथ दुष्कर्म किया जाता है और ममता बनर्जी चुप रहती हैं

जेपी नड्डा ने कहा, पश्चिम बंगाल की सड़कों पर ममता बनर्जी की सरकार और उनकी क्रूर पुलिस द्वारा न्याय की मांग कर रहे बंगाल के डॉक्टरों, युवाओं और महिलाओं के खिलाफ जो हिंसा और दमन देखा गया, वह निंदनीय ही नहीं बल्कि मानवता के लिए भी शर्मनाक है. पश्चिम बंगाल में एक बेटी के साथ क्रूरता से दुष्कर्म किया जाता है लेकिन ममता बनर्जी चुप रहती हैं. एक महिला की अस्मिता को तार-तार किया जाता है, बेटी के माता-पिता को गुमराह किया जाता है और ममता बनर्जी चुप रहती हैं. जब देश की युवा शक्ति ने ‘नवान्न अभियान’ चलाकर नए न्याय के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की, तब ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री होने के नाते अपनी हैसियत का एहसास हुआ और उन्होंने दोषियों को बचाने के लिए क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं. सरकार ने 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया, हावड़ा ब्रिज को सील कर दिया गया, छात्रों पर बंगाल की सड़कों पर लाठीचार्ज किया गया और उन पर पानी की बौछारों से हमला किया गया. एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद, ममता जी बंगाल की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही हैं.

Exit mobile version