Bengaluru Floods: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बारिश का पानी लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. आफत की बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. रविवार रात भर हुई भारी बारिश से बेंगलुरु की सड़कों पर पानी भर गया है. एक सप्ताह में ऐसा दूसरी बार देखने को मिला है, जब घरों के बेसमेंट जलमग्न हो गए. सवाल उठ रहे है कि आखिर इस शहर में बारिश का ये पानी लोगों के लिए मुसीबत क्यों बन रहा है.
बताया जा रहा है कि बेंगलुरु की खराब विकसित स्टॉर्म वाटर ड्रेन सिस्टम बारिश और सीवेज के पानी से शहर जलमग्न हो गया है. कई क्षेत्रों में इसे बाढ़ का कारण बताया जा रहा है. लेकिन, बेंगलुरू अकेला ऐसा शहर नहीं है, जो अपने खराब बुनियादी ढांचे के कारण इन समस्या को झेल रहा है. 2006 मुंबई में आई अचानक बाढ़ को मुंबईवासी हर साल मानसून के दौरान किसी न किसी रूप में याद जरूर करने लगते है.
सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही तस्वीरों से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि टेक शहर बेंगलरु में हालात कितने बदतर हैं. भारी बारिश ने सड़कों पर ही नहीं, बल्कि यहां आसमानी यातायात पर भी असर डाला है. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरू के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भारी बारिश ने उड़ान सेवाओं को भी बाधित कर दिया है. यात्रियों को टर्मिनल के बाहर वाहन पार्किंग क्षेत्रों में रुके पानी से भी गुजरना पड़ा. बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट के बाहर के इलाकों में पानी भर गया है. बाढ़ की वजह से शहर के कई हिस्सों, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (IT) गलियारे और मुख्य सड़कों पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भारी बारिश के कारण शहर की वर्तमान स्थिति के लिए पिछली कांग्रेस सरकार को भी दोषी ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्ट बीजेपी सरकार और उसके अधिकारी बेंगलुरु की मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं. बता दें कि 1 से 5 सितंबर के बीच बेंगलुरु के कुछ इलाकों में सामान्य से 150 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई हुई. सीएम बोम्मई ने कहा कि महादेवपुरा, बोम्मनहल्ली और के आर पुरम में 307 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. पिछले 42 वर्षों में यह सबसे अधिक बारिश है, जिससे बेंगलुरु में सभी 164 टैंक भर गए हैं.