बेंगलुरु : कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार से कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप के बाद लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से प्रभावित दिहाड़ी मजदूरों को पैकेट बंद भोजन उपलब्ध कराने की अपील की है. कोर्ट ने कहा कि सरकार की ओर से राज्य के विभिन्न जिलों में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और उसके बाद सरकार की ओर से लगाये गये लॉकडाउन के बाद दिहाड़ी मजदूरों की आमदनी प्रभावित हुई है.
हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जी नरेंद्र ने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मैंने आग्रह किया है. इंदिरा कैंटीन की ओर से तैयार फूड पैकेट को देखें और इन्हें अपनी रोजी गंवाने वाले दिहाड़ी मजूदरों के बीच बंटवाएं. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही विकट समय और ऐसे आपदाकालीन और विषम परिस्थिति में केवल मानवता ही हमें सुरक्षित रख सकती है.
उधर, राज्य में कोविड-19 (COVID 19) के प्रसार को रोकने के लिए कई जिलों में लागू लॉकडाउन (Lockdown) के मद्देनजर कर्नाटक सरकार ने सोमवार को कहा कि अपनी आजीविका के लिए दैनिक मजदूरी पर निर्भर रहने वाले गरीबों को इंदिरा कैंटीन के जरिये मुफ्त खाना दिया जाएगा. राज्य प्रायोजित रियायती दर वाली ‘इंदिरा कैंटीन’ से फिलहाल 5 रुपये में नाश्ता और 10 रुपये में भोजन मिलता है.
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि गरीबों के हितों में मुफ्त में खाना दिए जाने का फैसला लिया गया है. इंदिरा कैंटीन के जरिये गरीबों को दिन भर भोजन मिलेगा. प्रदेश के जिन नौ जिलों में कोविड-19 के मामले सामने आए हैं, वहां कर्नाटक सरकार ने पहले ही 31 मार्च तक सभी वाणिज्यिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है. इन जिलों में बेंगलुरु शहर, बेंगलुरु ग्रामीण, मेंगलुरु, मैसुरु, कलबुर्गी, धारवाड़, चिक्कबल्लापुरा, कोडागु और बेलगावी आदि शामिल हैं.