बेंगलुरु : कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मंगलवार की रात कांग्रेस विधायक के एक रिश्तेदार द्वारा कथित तौर पर सोशल मीडिया पर ‘सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील’ एक पोस्ट लिखे जाने के बाद उग्र भीड़ ने जमकर बवाल काटा और वाहनों को आग लगा दी. भड़की हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गयी और कई लोग घायल हुए हैं. आगजनी और हिंसा की घटना में 50 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. इस बीच कर्नाटक के मंत्री ने ऐलान किया है कि दंगाईयों से जिस प्रकार उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वसूली की थी, उसी तरह दंगाइयों से संपत्ति की वसूली करेंगे.
कर्नाटक के मंत्री सीटी रवि ने बताया कि दंगे योजना बनाकर की गई थी. दंगा में पेट्रोल बम और पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था. 300 से अधिक वाहन जल गए. हमारे पास संदिग्ध हैं, लेकिन जांच के बाद ही पुष्टि हो सकती है. हम उत्तर प्रदेश जैसे दंगाइयों से संपत्ति की वसूली करेंगे.
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कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति ने बताया, मंगलवार रात मेरे घर में कुछ अनजान लोगों ने पेट्रोल बमों से आग लगाई. पुलिस को मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. जब वो किसी MLA के साथ ये सब कर सकते हैं तो दूसरे लोगों के साथ क्या करेंगे? उन्होंने कहा, मैंने घटना पर गृह मंत्री, पुलिस अधिकारियों और मेरी पार्टी के नेताओं से बात की. जिन लोगों ने ऐसा किया वे मेरे निर्वाचन क्षेत्र से नहीं हैं, वे बाहरी हैं. अच्छा होगा अगर मुझे सिक्योरिटी मिलेगी.
Riot was planned. Petrol bombs & stones were used in destruction of property. Over 300 vehicles were burnt. We have suspects but can only confirm after investigation. We will do asset recovery from rioters like in Uttar Pradesh: CT Ravi, Karnataka Minister on Bengaluru violence pic.twitter.com/D3xe9OTYZF
— ANI (@ANI) August 12, 2020
इधर बेंगलुरु हिंसा के लिए भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा और इस पूरे मामले में उसकी चुप्पी पर सवाल उठाए। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष ने ट्वीट कर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि ‘तुष्टिकरण’ ही उसकी एकमात्र ‘आधिकारिक नीति’ है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘कल बेंगलुरु में अपने दलित विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति पर हमला और उनके आवास पर तोड़फोड़ की घटना के बावजूद कांग्रेस और कर्नाटक कांग्रेस ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है. दंगे के अधिकार को उसका पूरा समर्थन…? उनके लिए तुष्टिकरण ही एकमात्र आधिकारिक पार्टी नीति है.
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के एक रिश्तेदार द्वारा सोशल मीडिया पर कथित तौर पर ‘सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील’ एक पोस्ट लिखे जाने के बाद एक वर्ग के लोग भड़क उठे जिसके बाद विधायक की संपत्ति और उनके परिवार को निशाना बनाया गया. विधायक की बहन जयंती ने रोते हुए कहा, जब यह सब हुआ तब हम घर पर नहीं थे. राहत की बात यही है कि मेरा भाई और उनका परिवार सुरक्षित है. पुलिस ने दंगे के आरोप में 110 लोगों को गिरफ्तार किया है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra