बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक दंत चिकित्सक ने इलाज के दौरान महिला के होंठ काट दिए. अब उन्हें हर्जाने के तौर पर महिला को करीब 60,000 रुपये देने पड़े. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु की एक उपभोक्ता अदालत ने दंत चिकित्सक के खिलाफ फैसला सुनाते हुए पीड़िता को 60,000 रुपये मुआवजा के तौर पर देने के आदेश दिया है. यह घटना जून, 2020 की है. रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि दंत चिकित्सक ने ऑर्थोडोंटिक्स प्रक्रिया के दौरान गलती से एक महिला का होंठ काट दिए. इसके बाद महिला को होंठ पर पांच टांके लगवाने पड़े. इसके बाद उन्हें प्लास्टिक सर्जरी भी करानी पड़ी.
बताया जा रहा है कि महिला के होंठ कटने से नाक के बीच में चेहरे पर एक बड़ा निशान बन गया. इससे आहत होकर महिला ने उपभोक्ता अदालत में दंत चिकित्सक के खिलाफ केस दर्ज किया. उपभोक्ता अदालत ने दंत चिकित्सक को मरीज के प्रति लापरवाही और गैर-पेशेवर दृष्टिकोण अपनाने के लिए जिम्मेदार ठहराया और 60,000 रुपये मुआवजा के तौर पर देने का आदेश दिया.
जून, 2020 में घटी घटना
अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के राममूर्तिनगर की रहने वाली 32 वर्षीय महिला दो बच्चों की मां हैं. वह 13 जून, 2020 की शाम को होरामवु स्थित श्योर स्माइल डेंटल केयर में इलाज कराने गई थीं. उनके परिचित दंत चिकित्सक विनोद पट्टाभिरामन ने सामने के दांत पर ऑर्थोडोंटिक्स करने के लिए डेंटल ब्लेड मशीन का इस्तेमाल किया, तो वह गलती से महिला के ऊपरी होंठ पर लग गया, जिससे वह कट गया.
होंठ कटने के बाद चेहरा भी नहीं देखने दिया
रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला को महसूस हुआ कि उनके घाव से खून निकलने लगा है. होंठ पर ब्लेड से कट लगने के बाद परेशान महिला ने अपने घाव को देखने के लिए शीशे की मांग की, जिसे देने से कथित तौर पर दंत चिकित्सक ने इनकार कर दिया. इस कट वाली जगह पर डेंटिस्ट ने बैंड एड लगा दिया और उन्हें यह कहते हुए घर भेज दिया कि यह सिर्फ एक मामूली घाव है. उन्होंने इलाज के लिए 5,000 रुपये भी फीस के तौर पर वसूल किए.
दंत चिकित्सक ने इलाज करने से किया इनकार
रिपोर्ट के अनुसार, इलाज कराने के बाद जब महिला घर पहुंचीं, तो उन्होंने शीशे में अपना चेहरा देखा. होंठ से बहने वाला खून रुक नहीं रहा था. एक दूसरे डॉक्टर ने उन्हें बताया कि चोट इतनी गंभीर है कि तुरंत टांके लगाने की जरूरत है. जब महिला और उनके पति ने दंत चिकित्सक से फोन पर संपर्क किया और स्थिति बताई, तो उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया और उन्हें टांके लगवाने के लिए अपने क्लिनिक में दोबारा बुलाया. महिला ने इससे इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने दूसरी जगह इलाज कराना शुरू कर दिया. दो दिन बाद पट्टी खुलने के बाद शीशे में उन्होंने शीशे में अपना चेहरा देखकर चौंक गईं. उनके होंठ से नाक तक एक बड़ा निशान बन गया था.
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26 जून, 2020 उपभोक्ता अदालत में दर्ज किया गया मामला
रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला ने 26 जून, 2020 को संबंधित दंत चिकित्सक को कानूनी नोटिस भिजवाया. उन्होंने शांतिनगर में बेंगलुरु शहरी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग से संपर्क किया और करीब 30 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की. महिला की ओर से दायर मामले की शुरुआत सितंबर 2020 में हुई थी. वहीं, दंत चिकित्सक के वकील ने तर्क दिया कि उपचार के दौरान शिकायतकर्ता के ऊपरी होंठ पर एक छोटा घाव था, जो न तो डॉक्टर की लापरवाही के कारण था और न ही जानबूझकर किया गया था. वकील ने तर्क दिया कि दंत चिकित्सा उपचार प्रक्रिया के दौरान नरम ऊतकों को चोट लगने की आशंका रहती है और रक्तस्राव होता है जो अपने आप रुक जाता है. इससे कोई गंभीर समस्या नहीं हुई और न ही टांके लगाने की जरूरत पड़ी.