ममता की राह में कितना रोड़ा अटकाएंगी बीजेपी की प्रियंका, पिछले तीन चुनाव में एकतरफा रहा है मुकाबला
बीजेपी की कैंडिडेट प्रियंका टिबरेवाल का सीधा मुकाबला टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी से है. माकपा ने श्रीजीब विश्वास को चुनाव मैदान में उतारा है.
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भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव 30 सितंबर को, 3 अक्टूबर को रिजल्ट
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चुनावी मैदान में टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी सबसे बड़ा चेहरा
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सीएम ममता बनर्जी से बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल का सीधा मुकाबला तय
पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट (Bhabanipur Bypolls 2021) पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से प्रियंका टिबरेवाल (Priyanka Tibrewal) ने सोमवार को अपना नामांकन भर दिया. भवानीपुर के अलावा जंगीपुर और शमशेरगंज में 30 सितंबर को मतदान होगा. मतगणना 3 अक्टूबर को किया जाएगा. बीजेपी की कैंडिडेट प्रियंका टिबरेवाल का सीधा मुकाबला टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी (TMC Supremo Mamata Banerjee) से है. माकपा ने श्रीजीब विश्वास (Shrijib Biswas) को चुनाव मैदान में उतारा है.
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भवानीपुर में ममता बनर्जी की हैट्रिक तय?
भवानीपुर सीट से सीएम ममता बनर्जी पहले दो बार जीतकर विधानसभा पहुंच चुकी हैं. इस बार ममता बनर्जी भवानीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए मैदान में हैं. 2 मई में निकले बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों में नंदीग्राम सीट से टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी हार गई थीं. उन्हें बीजेपी के कैंडिडेट शुभेंदु अधिकारी ने हराया था. भवानीपुर सीट के उपचुनाव में ममता बनर्जी कैंडिडेट बनी हैं. उनके लिए शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने सीट खाली की है. उन्हें पार्टी ने खड़दह से उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित किया है. भवानीपुर सीट से सीएम ममता बनर्जी ने साल 2011 और साल 2016 के विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की थी. इस बार वो हैट्रिक लगाने मैदान में हैं.
एक नजर में भवानीपुर विधानसभा के मतदाता
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कुल मतदाता:- 2,05,713
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पुरुष:- 1,12,548
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महिला:- 93,162
(साल 2016 के अनुसार)
भवानीपुर विधानसभा हॉटसीट का इतिहास…
भवानीपुर विधानसभा सीट की बात करें तो सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल और माकपा के श्रीजीब विश्वास को काफी मेहनत करनी होगी. सीट के इतिहास को देखें तो यहां पर पिछले 15 सालों से टीएमसी का दबदबा रहा है. कोलकाता दक्षिण लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले भवानीपुर सीट से 1952 में कांग्रेस को जीत मिली. पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री रहे सिद्धार्थ शंकर रे ने 1957 और 1962 में भवानीपुर सीट से जीत हासिल की.
साल 2011 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी के सुब्रत बख्शी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने सीट सीएम ममता बनर्जी के लिए छोड़ दी थी. उसी साल के उपचुनाव में ममता बनर्जी ने सीपीएम की नंदिनी मुखर्जी को करीब 50,000 मतों से हराया था. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने दीपा दासमुंशी को 25,000 से ज्यादा मतों के अंतर से हराया. पिछले तीन विधानसभा चुनावों में भवानीपुर में टीएमसी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती रही है.
एक नजर में भवानीपुर विधानसभा के नतीजे
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2011:- ममता बनर्जी (टीएमसी)
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2016: ममता बनर्जी (टीएमसी)
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2021: शोभनदेव चट्टोपाध्याय (टीएमसी)
भवानीपुर विधानसभा का रिजल्ट क्या रहा?
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2011:- टीएमसी – 63.78%
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2016:- टीएमसी – 66.83%
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2021:- टीएमसी – 57.71%
भवानीपुर में प्रियंका टिबरेवाल की राह मुश्किल?
बंगाल की भवानीपुर सीट पर तीन विधानसभा चुनाव (2011, 2016 और 2021) में टीएमसी ने एकतरफा जीत हासिल की है. भवानीपुर को ममता बनर्जी की होम सीट कहा जाता है. इस सीट पर ममता बनर्जी को हराना मुश्किल है. हालांकि, नंदीग्राम से भी ममता बनर्जी की जीत पक्की मानी जा रही थी. लेकिन, बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने ममता को हरा दिया था. भवानीपुर सीट से उतरीं बीजेपी की कैंडिडेट प्रियंका टिबरेवाल की बात करें तो उनका कद शुभेंदु अधिकारी के सामने बौना है. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के पुराने सेनापति रहे थे. नंदीग्राम सीट पर अधिकारी परिवार का दबदबा है. इसको देखते हुए भवानीपुर में बीजेपी की कैंडिडेट प्रियंका टिबरेवाल को काफी मेहनत करनी पड़ेगी.
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चुनाव में जीत के लिए तरसती प्रियंका टिबरेवाल
बीजेपी कैंडिडेट प्रियंका टिबरेवाल के राजनीतिक करिअर की बात करें तो वो वकील भी हैं. वो 2014 में बीजेपी में शामिल हुईं थीं. प्रियंका टिबरेवाल बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार रह चुकी हैं. 2015 में प्रियंका टिबरेवाल ने बीजेपी के टिकट पर कोलकाता नगर परिषद का चुनाव लड़ा था. वो जीत नहीं सकी थीं. इंटाली से भी विधानसभा चुनाव में प्रियंका टिबरेवाल को हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने चुनाव बाद हिंसा मामले की सीबीआई जांच को लेकर हाईकोर्ट में मामला दायर किया था, जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. अगस्त 2020 में प्रियंका को बंगाल बीजेपी युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया गया. अब, प्रियंका ममता बनर्जी को चुनौती दे रही हैं.