Bhagat Singh Untold Stories: हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ जाने वाले भगत सिंह को अंधेरे से लगता था डर

Amazing Facts about Bhagat Singh : 28 सितंबर 1907 को आजादी के दीवाने भगत सिंह का जन्म हुआ था. हंसते-हंसते फांसी पर वे चढ़ गए थे. उनकी बहन ने एक बार कहा था कि भगत को अंधेरे से डर लगता था.

By Amitabh Kumar | January 20, 2025 11:42 AM

Amazing Facts about Bhagat Singh: 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ. इसके ठीक 40 साल पहले एक आजादी के दीवाने का जन्म हुआ. साल था 1907 तारीख थी 28 सितंबर, दिन था शनिवार. सुबह के 9 बज रहे थे. ठीक इसी वक्त सरकार किशन सिंह के घर किलकारी गूंजी. यदि आप अभी भी सोच रहे हैं कि हम किस स्वतंत्रता सेनानी की बात कर रहे हैं, तो आपको बता दें बमों की गूंज से अंग्रेजों की चूल हिला देने वाले भगत सिंह का जन्म इसी तारीख को हुआ था. उनकी बहन बीबी अमर कौन ने एक बार बताया था कि भगत सिंह को अंधेरे से डर लगता था. आइए हम आपको उनके जीवन से जुड़ी एक खास बात बताते हैं जिसका जिक्र एमएम जुनेजा ने अपनी किताब बायोग्राफी ऑफ भगत सिंह में किया है.

भगत सिंह के जन्म के वक्त पिता थे जेल में

भगत सिंह का जब जन्म हुआ तो उनके पिता सरदार किशन सिंह और दोनों चाचा अजीत सिंह और स्वर्ण सिंह जेल में बंद थे. अंग्रेजों ने उन्हें एंटी ब्रिटीश एक्टिविटी की वजह से सलाखों के पीछे डाल दिया गया था. भगत सिंह परिवार के लिए खुशहाली लेकर आए थे. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके जन्म के दो दिन के बाद उनके पिता को बेल मिली और वे जेल से छूट गए. उनके साथ एक भाई स्वर्ण सिंह भी जेल से बाहर आए. अब बारी दूसरे चाचा की थी. जनता के दबाव की वजह से अजीत सिंह को भी 11 नवंबर 1907 को जेल से रिहा किया गया.

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इस खुशी के वक्त भगत सिंह की दादी ने अपने मन की बात कही. जेल से छूटे तीनों बेटों को साथ देखकर उन्होंने कहा कि ये बेटा भागां वाला है यानी नया बच्चा बहुत ही लकी है. इन शब्दों को सुनने के बाद भगत सिंह का नाम ‘भागां वाला’ रख दिया गया. यह नाम उनकी दादी सरदारनी जय कौर ने रखा. यही ‘भागां वाला’ बाद में चलकर भगत सिंह बना. उनके नाम का मतलब ‘महान देश भक्त’ होता है. परिवार सिख और आर्य समाज के सिद्धांतों पर चलने वाला था.

भगत सिंह को लगता था अंधेरे से डर

भगत सिंह एक ऐवरेज बच्चे की तरह ही थे. अंधेरे में वे घर से बाहर नहीं निकलते थे. उन्हें अंधेरे से डर लगता था. उनकी बहन बीबी अमर कौन की टिप्पणी का हवाला किताब में किया गया. वह कहतीं थी कि मैं और भगत सिंह दोनों ही दोनों ही रात के समय घर के बाहर जाने से डरते थे. पांच साल की उम्र में भगत सिंह का एडमिशन स्कूल में करवाया गया. भगत सिंह के स्कूल के दिनों की बात उनकी मां ने एक इंटरव्यू के दौरान बताई थी. इस इंटरव्यू को 23 दिसंबर 1966 को जीएस गोयल ने लिया था. इसमें उनकी मां विद्यावती ने कहा था कि स्कूल में मेरे बेटे को सभी बहुत प्यार करते थे. वह तुरंत दोस्ती करने में माहिर था. दोस्त और उसके सिनियर क्लास वाले उसे कंधे में उठाकर घर तक छोड़ जाते थे.

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