केंद्र सरकार द्वारा आज ऑनलाइन बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी की ओर से लोक सभा मैंबर और पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान ने काले कानूनों के विरुद्ध आंदोलन कर रहे किसानों का मसला जोर शोर से उठाया .
26 जनवरी को लाल किले पर घटी घटना के संदर्भ में बात करते भगवंत मान ने कहा कि उस दिन जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. मान ने कहा कि आंदोलन कर रहे सभी किसानों को इस घटना के साथ जोडक़र न देखा जाए. उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज किए जा रहे मामलों से आंदोलन ओर तेज होगा.
उन्होंने कहा कि जो किसान नेता इस घटना के समय वहां नहीं थे पुलिस उन पर भी मामले दर्ज कर रही है. उन्होंने कहा की लाल किले पर आम दिनों में पूरी सुरक्षा होती है, परंतु हैरानीजनक है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस वाले दिन लाल किले पर सुरक्षा के पक्ष से लाल किले को क्यों खुला छोड़ दिया गया. उन्होंने बैठक में प्रधानमंत्री से मांग की है कि चालू मौजूदा पार्लियामेंट सैशन में कृषि संबंधी नए केंद्रीय कानूनों को रद्द करके देश के किसानों को एक तोहफ़ा दें. उन्होंने कहा कि इससे बड़ा किसानों के लिए कोई और तोहफा नहीं होगा, काले कृषि कानून रद्द किए जाएं.
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जारी बयान में भगवंत मान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में यह कहा है कि कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर व किसानों के बीच हुई सभी बैठकों के बारे में मंत्रीगण उनको सभी बातें बताते रहे हैं. प्रधानमंत्री ने मीटिंग में भी यही कहा कि कृषि मंत्री की ओर से किसानों को जो प्रस्ताव दिया गया था, सरकार आज भी उसी पर खड़ी है.
भगवंत मान ने कहा कि हैरानी की बात है कि मोदी सरकार काले कानून रद्द करने की बजाए, पार्लियामेंट सैशन में बिजली और पराली सम्बन्धित भी नए बिल लेकर आ रही है, जिन बिलों के बारे में सरकार किसानों को कहती रही कि यह बिल नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि आज की सर्वदलीय बैठक में सभी ही विरोधी पार्टियों ने कानून रद्द करने की मांग की.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से कहा गया कि कानूनों सम्बन्धित लोक सभा में खुलकर बात कर सकते हैं, तो हमने कहा कि यदि इन कानूनों पर पहले ही बात की होती तो आज यह दिन न देखने पड़ते. भगवंत मान ने कहा कि जितनी मीटिंगें किसानों के साथ सरकार ने की हैं, यदि इतनी मीटिंगें कानून बनाने से पहले की गई होती तो आज यह दिन न देखने पड़ते. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यह कोशिश थी कि पार्लियामेंट में हमारा विरोध न हो, इस लिए प्रधानमंत्री मीटिंग में बोलते रहे कि संसद को चलने दिया जाए.
भगवंत मान ने मीटिंग में कहा कि इस का सिर्फ एक ही समाधान है कि काले कानून रद्द किए जाएं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार आज ही यह कानून रद्द करती है तो जिन ट्रैक्टरों के मुंह आज दिल्ली की तरफ हैं, तो उन ट्रैक्टरों की मुंह खेतों की तरफ हो जाएंगे.
भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी कृषि संबंधी केंद्र सरकार की ओर से लाए गए काले कानूनों का पहले दिन से विरोध करती आ रही है. उन्होंने कहा कि कानून बनाते समय भी पार्टी की ओर से पार्लियामेंट में विरोध किया गया था और अब भी किसानों के हक में पार्लियामेंट के अंदर आवाज बुलंद करेंगे.