Kisan Mahapanchayat : केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन करते हुए 300 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं. किसानों ने अपनी मांग को लेकर भारत बंद 27 सितंबर यानी सोमवार को बुलाया है. इस बंद के पहले आज किसानों की महापंचायत हो रही है जिसको लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के बाद अब हिंद मजदूर किसान समिति की किसान महापंचायत उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में होने जा रही है. यहां के जीआईसी मैदान में सैकड़ों किसान जमा होने लगे हैं. इधर हरियाणा के पानीपत में भी किसानों का जनसैलाब उमड़ने का अनुमान है. दोनों ही जगह पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में नजर आ रहा है. हालांकि दोनों ही किसान पंचायतें अलग-अलग संगठनों की हैं.
पानीपत में किसान महापंचायत की बात करें तो इसके लिए 26 सदस्यीय कमिटी गठित की गई है. महापंचायत में बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे. किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपने का काम किया गया हैं. यहां चर्चा कर दें कि 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत भारत बंद को कई पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है.
आंध्र प्रदेश सरकार संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 27 सितंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ को पूर्ण समर्थन देगी. यह घोषणा राज्य के सूचना एवं परिवहन मंत्री पर्नी वेंकटरमैया (नानी) ने की है. इसके अलावा आंध्र सरकार ने विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों का भी समर्थन करने की बात कही है.
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने कहा है कि उनकी पार्टी 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत भारत बंद के आह्वान का पुरजोर समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा ‘‘काले कानूनों” के खिलाफ किसानों के साथ खड़े रहे हैं.
कांग्रेस ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘भारत बंद’ को समर्थन देने की घोषणा की. साथ ही प्रदर्शन कर रहे किसानों से वार्ता बहाल करने की मांग उठायी. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके सभी कार्यकर्ता किसान संगठनों व किसानों द्वारा 27 सितंबर को बुलाए गए शांतिपूर्ण भारत बंद का समर्थन करेंगे.
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वाम दलों ने लोगों से अपील की कि वे केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा 27 सितंबर को आहूत भारत बंद का समर्थन करें. किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहा एसकेएम 40 से अधिक कृषि संगठनों का प्रमुख संगठन है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने एक संयुक्त बयान में कहा कि कृषि कानूनों को निरस्त करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसानों का “ऐतिहासिक” संघर्ष 10वें महीने में पहुंच गया है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar