संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को यानी आज 10 घंटे के भारत बंद का आह्वान किया है. यह बंद कृषि कानूनों के एक वर्ष पूरा होने पर विरोध स्वरूप आयोजित किया जा रहा है. पिछले साल सितंबर महीने में ही संसद ने तीनों कृषि कानूनों को पास किया था और 27 सितंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीनों कृषि कानूनों को मंजूरी दी थी.
कृषि कानूनों का किसान पिछले लगभग 10 माह से विरोध कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से यह कहा गया है कि किसानों का बंद शांतिपूर्ण होगा और इससे आम लोगों को काफी असुविधा होगी.
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि उनका 10 घंटे का बंद सुबह छह से शुरू होगा, उस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों के कार्यालय, बाजार, दुकान, फैक्ट्री, स्कूल, कॉलेज और संस्थानों को खोलने नहीं दिया जायेगा. साथ ही पब्लिक और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट को भी बंद किया जायेगा. हालांकि इमरजेंसी सर्विस को बंद से छूट रहेगी.
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भारत बंद का उद्देश्य मोदी सरकार के किसान विरोधी नीति को उजागर करना है. किसानों के भारत बंद को बीएसपी, राजद, आम आदमी पार्टी, वाईएसआरसी, डीएमके, तेलुगू देशम एवं वाम पार्टियां अपना समर्थन दे रही हैं, यही वजह है कि भारत बंद का असर विभिन्न राज्यों में भी दिखेगा.
किसान नेता राकेश टिकैत ने आज किसानों की पंचायत में कहा कि सरकार कृषि बिल को जल्दी से वापस ले अन्यथा हम विरोध प्रदर्शन और धरना को देशव्यापी बनायेंगे.
Posted By : Rajneesh Anand