Bharat Bandh Nationwide Strike News केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने एलडीएफ सरकार (LDF Government) को सोमवार को निर्देश दिया कि वह दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान अपने कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए तत्काल निषेध आदेश जारी करे. मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चले ने सीसी नायर एस की जनहित याचिका पर यह अंतरिम निर्देश जारी किए हैं.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता सजीत कुमार वी ने आदेश की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि अदालत का मानना है कि सरकारी कर्मियों द्वारा हड़ताल करना अवैध है, क्योंकि उनकी सेवा शर्तों में ऐसा करना निषेध है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दावा किया कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को केंद्र सरकार के खिलाफ हड़ताल पर जाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और दो दिन तक काम का बहिष्कार करने के दौरान उन्हें वेतन का भुगतान करेगी. सरकारी कर्मी 28 और 29 मार्च को काम का बहिष्कार कर रहे हैं. सेंट्रल ट्रेड यूनियन के संयुक्त मंच ने दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.
Kerala High Court directs the State Government to issue an order restricting the state government employees from participating in the two-day nationwide strike/Bharat Bandh. Court also observes that it is illegal that state government employees are participating in the strike. pic.twitter.com/OOgcxvZGid
— ANI (@ANI) March 28, 2022
बता दें कि केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों (Trade Unions) के एक संयुक्त मंच के आह्वान पर दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल जारी है. इस हड़ताल का असर केरल में भी देखा गया. ट्रेड यूनियनों द्वारा जारी हड़ताल के तहत सोमवार को केरल में लगभग सभी संस्थान बंद रहे. सरकार की आर्थिक नीतियों तथा श्रमिक नीतियों के विरोध में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से आमजन अस्त-व्यस्त रहा. केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न क्षेत्रों के स्वतंत्र श्रमिक संगठनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. राज्य द्वारा संचालित केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) की बसें सड़कों से गायब दिखीं. वहीं, टैक्सी, ऑटो-रिक्शा और निजी बसें भी राज्यभर में नजर नहीं आईं.