Bharat Bandh Update News: किसानों का भारत बंद जारी है. तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, केरल, पंजाब, झारखंड और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों ने भारत बंद को अपना समर्थन देने का काम किया है. गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि सभी व्यापारियों और दुकानदारों को बंद का समर्थन करना चाहिए.
एक टीवी चैनल से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन सरकार के खिलाफ है. चाहे सरकार कोई भी हो. जब उनसे सवाल किया गया कि ये कहीं राजनीतिक रूप तो नहीं ले रहा. इस सवाल के जवाब में राकेश टिकैत कहा कि बिल्कुल ऐसा नहीं है. ये राजनीतिक नहीं. ये किसानी का मुद्दा है. विचारों को बंदूक से नहीं हरा सकते हैं. विचारों को विचार से बदलना है. अपनी बातों को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि कानून वापसी तक आंदोलन जारी रहेगा. काननू लाने वालों के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है. किसी पार्टी के खिलाफ हमारा आंदोलन नहीं है.
केंद्र सरकार पर हमला करते हुए किसान नेता ने कहा कि सरकार साजिश रचती है. वो किसानों पर कई तरह के आरोप लगाती है. पिछले दस महीने से केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान दस वर्षों तक आंदोलन करने के लिए तैयार हैं. सरकार को ‘‘काले” कानूनों को लागू नहीं होने देंगे. इधर भारत बंद के समर्थन में राहुल गांधी ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा है कि किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है.
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बिहार में आरजेडी के नेता पटना और आरा में प्रदर्शन कर रहे हैं. महात्मा गांधी सेतु और हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रोड पर जाम लग गया. गौर हो कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी जैसी वामपंथी पार्टियों ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), समाजवादी पार्टी (सपा), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), जनता दल (सेक्युलर), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम जैसे कई अन्य दल (डीएमके) ने भी सोमवार को भारत बंद के आह्वान का समर्थन किया है.
राकेश टिकैत ने पानीपत में ‘‘किसान महापंचायत” में कहा कि आंदोलन को दस महीने हो गए. सरकार को कान खोलकर सुनना चाहिए कि अगर हमें दस वर्षों तक आंदोलन करना पड़े तो हम तैयार हैं. भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता ने कहा कि केंद्र को इन कानूनों को वापस लेना होगा. टिकैत ने संकेत दिए कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो किसान आंदोलन तेज करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर को आहूत ‘‘भारत बंद” से एक दिन पहले यह महापंचायत हुई थी.
Posted By : Amitabh Kumar