Bharat Biotech Phase 3 Clinical Trials कोरोना वायरस की दूसरी लहर से सामना कर रहे भारत में वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाए जाने की मांग लगातार बढ़ रही है. देश में फिलहाज सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड और भारत बायोटेक का कोवैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण का हिस्सा है. इन सबके बीच, न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत बॉयोटेक ने कोवैक्सीन के फेज-3 के ट्रायल से जुड़ा डाटा डीसीजीए को सौंप दिया है.
इससे पहले कुछ खबरें आई थीं कि जिन भारतीयों ने कोवैक्सीन की खुराक ली हैं, उन्हें विदेश यात्रा करने में परेशानी आ रही है, क्योंकि इस टीके को मान्यता नहीं मिली है. भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBEL) ने सरकार को सूचित करते हुए कहा कि उसने कोवैक्सीन से जुड़े 90 फीसदी डक्यूमेंट्स पहले ही डब्ल्यूएचओ में जमा करा दिए हैं, ताकि टीके को आपात इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध (UEL) कराया जा सके. उसने कहा कि शेष विवरण भी अगले महीने दे दिये जाएंगे.
Bharat Biotech submitted Phase 3 clinical trials data of COVAXIN to Drugs Controller General of India (DCGI) over the weekend: Govt sources pic.twitter.com/ggXSxQCaAc
— ANI (@ANI) June 21, 2021
उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूएचओ की तरफ से ईयूएल उत्पाद की सुरक्षा और प्रभाव को प्रतिबिंबित करती है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित कोविशील्ड नाम के टीके को विश्व निकाय ने आपात इस्तेमाल अनुमति सूची में सूचीबद्ध किया है. कोरोना वायरस टीके के समान वितरण की वैश्विक पहल कोवैक्सीन में टीके को शामिल कराने के लिए भी डब्ल्यूएचओं की मान्यता की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि भारत बायोटेक को अपने कोवैक्सीन टीके को आपात इस्तेमाल के लिये सूचीबद्ध कराने को लेकर और अधिक जानकारी देनी होगी. इमरजेंसी यूज सूचीकरण प्रक्रिया की अवधि वैक्सीन निर्माता द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों की गुणवत्ता और डब्ल्यूएचओ के मानदंडों को पूरा करने वाले आंकड़ों पर निर्भर करती है.
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