भारत बायोटेक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर लायेगा एक और नयी वैक्सीन, फरवरी-मार्च में शुरू होगा क्लिनिकल ट्रायल
Bharat Biotech, Washington University, intranasal antidote : नयी दिल्ली : कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए भारत बायोटेक की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को मंजूरी मिल जाने के बाद कंपनी एक और वैक्सीन लाने की तैयारी कर रही है. भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए इंट्रानेजल एंटीडोट वैक्सीन के पहले चरण के लिए डीजीसीआई को प्रपोजल भेज दिया है.
नयी दिल्ली : कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए भारत बायोटेक की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को मंजूरी मिल जाने के बाद कंपनी एक और वैक्सीन लाने की तैयारी कर रही है. भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए इंट्रानेजल एंटीडोट वैक्सीन के पहले चरण के लिए डीजीसीआई को प्रपोजल भेज दिया है.
भारत बायोटेक के मुताबिक, नये इंट्रानेजल एंटीडोट वैक्सीन के पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण फरवरी-मार्च में शुरू होने की उम्मीद है. बताया जाता है कि इंट्रानेजल एंटीडोट नाक के जरिये दी जानेवाली एंटीडोट है.
मालूम हो कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिल कर भारत बायोटेक कारोना वायरस वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के विकास का काम कर रहा है. इस वैक्सीन को सरकार ने हरी झंडी दे दी है.
‘कोवैक्सीन’ को मंजूरी दिये जाने के समय तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा था. हालांकि, भारत बायोटेक की सुचित्रा एल्ला के मुताबिक, तीसरे चरण के लिए दर्ज 25,800 लोगों पर किया जानेवाला ट्रायल पूरा हो गया है.
बताया जाता है कि भारत बायोटेक ने नया इंट्रानेजल एंटीडोट वैक्सीन वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर रिसर्च कर इसे तैयार किया है. रिसर्च में पाया गया है कि इस तरह का वैक्सीन अधिक प्रभावी है. नाक से ही अधिकतर वायरस जाने की संभावना होती है.
नाक से वायरस आने पर सीधा असर लंग्स पर होता है. इसलिए इसे ज्यादा प्रभावी माना गया है. मालूम हो कि नेजल वैक्सीन को नाक के जरिये दिया जाता है. जबकि, भारत में मिली वैक्सीन को कंधे पर इंजेक्शनके जरिये दिया जाता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.