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अब नाबालिग के शोषण पर मौत की सजा, जानिए महिलाओं को कितना सशक्त करेगा 1 जुलाई से लागू होने वाला नया कानून

भारतीय न्याय संहिता में एक नया चैप्टर जोड़ा गया है जिसे नाम दिया गया है -क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड. इस चैप्टर में यौन अपराधों की चर्चा है. इसका उद्देश्य बच्चों और महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकना है.

Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 देश में एक जुलाई से लागू होने जा रहा है. इस संहिता को संसद ने पिछले साल शीतकालीन सत्र के दौरान पारित किया था. इस संहिता के लागू होने से अंग्रेजों के जमाने के तीन कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम समाप्त हो जाएंगे. भारतीय न्याय संहिता में 358 सेक्शन है, जबकि आईपीसी में 511 थे. इस संहिता में 20 नए अपराधों को शामिल किया गया है. इस न्याय संहिता में 33 अपराधों के लिए जेल की सजा को बढ़ाया गया है. इस संहिता में कई बातें हैं, जिनके बारे में जानना सबके लिए जरूरी है. संहिता में राजद्रोह को खत्म कर दिया गया है, जबकि आतंकवाद को परिभाषित किया गया है. वहीं माॅब लिंचिंग के खिलाफ भी सख्त सजा का प्रावधान किया गया है. आज हम बात कर रहे हैं उस कानून की जिसका संबंध महिलाओं और बच्चों से है.

क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड चैप्टर

भारतीय न्याय संहिता में एक नया चैप्टर जोड़ा गया है जिसे नाम दिया गया है -क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड. इस चैप्टर में यौन अपराधों की चर्चा है, साथ ही इस संहिता में 18 साल से कम उम्र की महिलाओं के साथ अगर बलात्कार होता है तो उसकी सजा में बदलाव का प्रावधान किया गया है. गौरतलब है कि नाबालिग महिला से सामूहिक बलात्कार से संबंधित प्रावधान को इस संहिता में POCSO एक्ट के अनुरूप बनाया जाएगा. साथ ही इस संहिता में यह प्रावधान भी है कि अगर 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार होता है तो दोषी को आजीवन कारावास या मृत्युदंड दिया जाए. संहिता में यह प्रावधान भी किया गया है कि बलात्कार पीड़ितों की जांच करने वाले चिकित्सकों को सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपनी होगी.


गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की कैद

गौरतलब है कि रेप के मामलों में इस न्याय संहिता काफी कठोर कानून हैं, साथ ही सजा को भी बढ़ा दिया गया है. न्याय संहिता के अनुसार गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की कैद होगी या फिर आजीवन कारावास की सजा होगी. इसमें 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप का नया कानून भी शामिल है. यह संहिता उन लोगों के लिए भी खतरे की घंटी होगी जो महिलाओं से शारीरिक संबंध धोखे से बनाते हैं, वे विश्वास में लेते हैं कि शादी करेंगे लेकिन उनका इरादा शादी का होता नहीं है. इस तरह की सोच के लोगों के लिए भी यह संहिता कठोर दंड का प्रावधान करती है.नरेंद्र मोदी सरकार ने हमेशा यह दावा किया है कि वह महिलाओं को ज्यादा अधिकार से संपन्न बनाना चाहती है और इसके लिए वह प्रयास भी कर रही है, संहिता में जो प्रावधान हैं यह उनके दावे को पुख्ता करने की ओर एक कदम है.

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