Protem Speaker: ओडिशा की कटक लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत ‘प्रोटेम स्पीकर’ नियुक्त किया. लेकिन इससे विपक्ष में भारी असंतोष देखा जा रहा है. जिससे संसद सत्र में भारी हंगामा होने के आसार जताए जा रहे हैं. कांग्रेस ने कहा, अध्यक्ष नियुक्त किया जाना संसदीय मानदंडों को नष्ट करने का एक और प्रयास है. रविवार को सांसद और बीजेपी नेता संबित पात्रा ने विपक्ष को करारा जवाब दिया.
प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति कानून से नहीं, बल्कि परंपरा से होती है
बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा, प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति कानून से नहीं, बल्कि परंपरा से होती है. आजादी के बाद से भारत में यह एक लंबी परंपरा है. अब कांग्रेस इस प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश कर रही है. भर्तृहरि महताब लगातार सातवीं बार सांसद के तौर पर काम कर रहे हैं. परंपरा के अनुसार सबसे लंबे समय तक लगातार सेवा देने वाले सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जा सकता है. इसलिए, इस 18वीं लोकसभा में भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर बनने के योग्य हैं. जहां तक (कांग्रेस सांसद) के सुरेश का सवाल है, वे लगातार 8 बार सांसद रह चुके हैं. के सुरेश का यह लगातार चौथा कार्यकाल है. जबकि भर्तृहरि महताब का यह लगातार सातवां कार्यकाल है. इसलिए, परंपरा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.
लोकसभा में शोरगुल होने के आसार
सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को संसद के निचले सदन का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने के कारण सत्र के दौरान लोकसभा में शोरगुल होने के आसार हैं. महताब को अस्थाई अध्यक्ष बनाए जाने की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की है और आरोप लगाया है कि सरकार ने इस पद के लिए कांग्रेस सांसद के सुरेश के दावे की अनदेखी की. कार्यवाही की शुरुआत में, कुछ क्षणों के लिए मौन रखा जाएगा. इसके बाद लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह निचले सदन के लिए निर्वाचित सदस्यों की सूची सदन के पटल पर रखेंगे. इसके बाद, महताब लोकसभा के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन की सदस्यता की शपथ लेने का आग्रह करेंगे. इसके बाद प्रोटेम स्पीकर, राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त अध्यक्षों की समिति को शपथ दिलाएंगे जो 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक सदन की कार्यवाही चलाने में उनकी सहायता करेगी.
27 जून को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी राष्ट्रपति
राष्ट्रपति 27 जून को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 28 जून को शुरू होगी. प्रधानमंत्री द्वारा दो या तीन जुलाई को इस चर्चा पर अपना जवाब देने की उम्मीद है.
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