लोकसभा चुनाव के पहले झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को दिल्ली हाईकोर्ट से लगा बड़ा झटका

दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले को दिशोम गुरु के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इस मामले में अंतिम सुनवाई 22 सितंबर 2023 को हुई थी. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

By Mithilesh Jha | January 22, 2024 4:16 PM

लोकसभा चुनाव से पहले लोकपाल केस में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सुप्रीमो दिशोम गुरु शिबू सोरेन को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है. इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला आ गया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच को रद्द करने की राज्यसभा सांसद और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद के इस फैसले के बाद आय से अधिक संपत्ति मामले में शिबू सोरेन के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच का रास्ता खुल गया है. दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले को दिशोम गुरु के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इस मामले में अंतिम सुनवाई 22 सितंबर 2023 को हुई थी. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.


शिबू सोरेन परिवार के खिलाफ निशिकांत दुबे ने की थी शिकायत

गोड्डा के भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने लोकपाल में शिबू सोरेन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराकर सीबीआई जांच की मांग की थी. शिबू सोरेन ने सीबीआई जांच को चुनौती दी और उस पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. साथ ही सीबीआई की शुरुआती जांच की कार्यवाही को निरस्त करने की मांग की. उनकी इस याचिका को आज दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. इससे पहले 12 सितंबर 2023 को कोर्ट ने शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि मामले पर विचार की आवश्यकता है.

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शिबू सोरेन के वकील ने कोर्ट में दी थी ये दलील

शिबू सोरेन के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि उनके खिलाफ दर्ज मामले पर लोकपाल विचार नहीं कर सकता. उनका तर्क था कि आरोप लगाए जाने की तारीख शिकायत की तारीख से सात साल पहले का है. शिबू सोरेन ने इस मामले को दुर्भावना और राजनीति से प्रेरित बताया था. वहीं, लोकपाल ने कहा था कि कार्यवाही कानून के मुताबिक हो रही है. बता दें कि निशिकांत दुबे ने अगस्त 2020 में पूर्व कोयला मंत्री शिबू सोरेन और उनके परिजनों के खिलाफ शिकायत की थी. इसमें कहा था कि शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके काफी संपत्ति अर्जित की. सोरेन परिवार पर उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त होने का भी आरोप लगाया था.

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डॉ निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर कही ये बात

सोमवार (22 जनवरी) को जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की अदालत ने शिबू सोरेन की याचिका पर सुनवाई की. शिबू सोरेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बघेल ने अपना पक्ष रखा. वहीं, लोकपाल का पक्ष सॉलिसिटर जेनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने रखा. कोर्ट का फैसला आने के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि आज दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकपाल में दाखिल मेरे केस की सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा और इसमें दखल देने से इंकार कर दिया. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सोरेन परिवार के खिलाफ लोकपाल की कार्रवाई व सीबीआई जांच कानूनसम्मत है. अंत में उन्होंने लिखा- जय राम, श्रीराम, जय जय राम.

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