नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को तगड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा, संगीत सोम और साध्वी प्राची पर फिर से दंगा भड़काने का मुकदमा शुरू किया जायेगा. इनके खिलाफ राज्य सरकार ने मुकदमा वापस ले लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाइकोर्ट की मंजूरी के बिना राज्य सरकार सांसदों, विधायकों या मंत्रियों के खिलाफ कोई भी मुकदमा वापस नहीं ले सकेगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर बीजेपी के विधायक संगीत सोम, सुरेश राणा, कपिल देव और साध्वी प्राची के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के आदेश पर रोक लगा दी.
चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस सूर्यकांत की खंडपीठ ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित पड़े आपराधिक मामलों से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया.
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बेंच ने एमिकस क्यूरी विजय हंसरिया के आग्रह पर आदेश दिया कि सीआरपीसी की धारा 321 के तहत हाइकोर्ट के आदेश के बगैर संसद, विधानसभा या विधान परिषद के वर्तमान एवं पूर्व सदस्यों के विरुद्ध कोई भी मामला वापस न लिया जाये.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एमपी-एमएलए कोर्ट की सिफारिश पर मुजफ्फरनगर में दंगा भड़काने के आरोपी मंत्री सुरेश राणा और सरधना विधानसभा क्षेत्र के विधायक संगीत सोम के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस ले लिया था.
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संगीत सोम और सुरेश रैना पर वर्ष 2013 के सितंबर महीने में एक पंचायत में भड़काऊ भाषण देने का आरोप था. उनके इस भाषण के बाद दंगे भड़क उठे थे. इस मामले में साध्वी प्राची समेत 11 लोगों पर केस दर्ज किया गया था.
Posted By: Mithilesh Jha