Coronavirus: भारत में कोरोना वायरस के 3.37 लाख नये मामले, सरकार ने कोविड गाइडलाइंस में किया बड़ा बदलाव
Coronavirus: कोरोना को लेकर अब भारत सरकार ने विदेशी यात्रियों के लिए प्रोटोकॉल और कोविन एप में बड़ा बदलाव कर दिया है. नये नियम के मुताबिक विदेश से भारत आने वाला कोई संक्रमित है तो उसे सरकारी आइसोलेशन में अनिवार्य रूप से अलग नहीं किया जाएगा. वो अपने घर में आइसोलेशन में रह सकता है.
Coronavirus: देश में कोरोना की रफ्तार तेज है. देश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 3.37 लाख नये मामले सामने आये हैं. कोरोना से 488 लोगों की मौत हो गई है. राज्यों में इसका अलग ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है. दिल्ली और महाराष्ट्र में नये संक्रमितों की संख्या में कमी आई है तो दक्षिण के राज्यों में नये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं, कोरोना को लेकर अब भारत सरकार ने विदेशी यात्रियों के लिए प्रोटोकॉल और कोविन एप में बड़ा बदलाव कर दिया है. नये नियम के मुताबिक विदेश से भारत आने वाला कोई संक्रमित है तो उसे सरकारी आइसोलेशन में अनिवार्य रूप से अलग नहीं किया जाएगा. वो अपने घर में आइसोलेशन में रह सकता है.
क्या है नई गाइडलाइन: गुरुवार को सरकार की ओर से जारी संशोधित गाइडलाइन्स फॉर इंटरनेशनल अराइवल्स के मुताबिक, नया मानदंड 22 जनवरी यानी आज से अगले आदेश तक जारी रहेंहे. सरकार ने कहा है कि बाकी के प्रावधान संशोधित दिशा-निर्देशों में पहले की तरह ही रहेंगे. इतना जरूर है कि नये नियम के मुताबिक विदेश से आने वाले यात्रियों को अब अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन में नहीं रहना पड़ेगा.
क्वारंटाइन की अनिवार्यता नहीं रहेगी: गौरतलब है कि सरकार ने नये संशोधित नियम में उस खंड को हटा दिया जिसमे विदेशी यात्रियों के आगमन पर उन्हें अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन में रहने के लिए था. नये नियम के तहत अगर स्क्रीनिंग के दौरान कोरोना के लक्षण पाए जाते है तो यात्री को तुरंत अलग किया जाएगा. साथ ही उसे स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के तहत चिकित्सा सुविधा में ले जाया जाएगा. उनका आरटी-पीसीआ्र टेस्ट किया जाएगा.
नहीं कम हो रहे कोरोना के आंकड़े: गौरतलब है कि देश में कोरोना के मामलों में बीते कई दिनों से तेजी आयी है. संक्रमितों के आंकड़े तीन लाख से ज्यादा हर दिन रह रहे हैं. शुक्रवार को देश में कोरोना के 3,47,254 नए मामले सामने आये हैं. वहीं, कोरोना से 703 लोगों की मौत हुई थी. कोरोना के साथ साथ देश में ओमिक्रॉन के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं.
Posted by: Pritish Sahay