उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना इस्तीफा दे दिया है. शाम 4 बजे राजभवन पहुंचकर उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया. बीते कुछ दिनों से राज्य में ये अटकल चल रही थी कि रावत इस्तीफा दे सकते हैं. सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, भाजपा नेता धन सिंह रावत को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि, इस दौड़ में सतपाल महाराज भी शामिल हैं.
हालांकि, मीडिया में खबर यह भी आ रही है कि उत्तराखंड में राजनीतिक सरगर्मी पहले की अपेक्षा कहीं अधिक तेज हो गई है. इससे पहले, खबर यह आई थी कि मुख्यमंत्री रावत ने दिल्ली में भाजपा आलाकमान से मुलाकात करने के बाद कुर्सी पर मंडरा रहे खतरे को हटा दिया है और मंगलवार को होने वाली विधायक दल की बैठक को टाल दिया गया है. लेकिन, मीडिया में राज्यपाल से मुलाकात और प्रेस कॉन्फ्रेंस की खबर आने के बाद मुख्यमंत्री रावत की कुर्सी एक बार फिर हिलने लगी है.
देहरादून के राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा की जा रही है कि मुख्यमंत्री रावत मंगलवार की शाम 4 बजे राज्यपाल से भेंट कर सकते हैं. इससे पहले, रावत समेत उत्तराखंड भाजपा इकाई के कई वरिष्ठ नेता नेतृत्व परिवर्तन को लेकर दिल्ली में भाजपा आलाकमान से खतरे को टालने का प्रयास किया था, लेकिन अब मुख्यमंत्री रावत की राज्यपाल से भेंट की खबरें आने के बाद असमंजस की स्थिति ज्यादा गहरा गई है.
हालांकि, मीडिया से बातचीत के दौरान उत्तराखंड के भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा है कि राज्य में सब कुछ ठीकठाक है. मुख्यमंत्री रावत दिल्ली में आलाकमान से भेंट करने आए थे, क्योंकि दिल्ली में भाजपा का मंदिर है. उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रावत को अपने पद पर बने रहना चाहिए. इसका कारण यह है कि बीते चार साल के शासन के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के एक भी आरोप नहीं लगे हैं. इसके विपरीत उत्तराखंड में विकास के काम काफी किए गए हैं.
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Posted by : Vishwat Sen