केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला : अब मिलगी 24 घंटे बिजली, इस तरह की चूक के लिए बिजली कंपनियां भरेंगी हर्जाना

बिजली के क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए बिजली उपभोक्ताओं को कई अधिकार प्रदान किये हैं. बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 के तहत 24 घंटे बिजली पाना अब उपभोक्ता का हक होगा

By Prabhat Khabar News Desk | December 22, 2020 12:10 PM

बिजली के क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए बिजली उपभोक्ताओं को कई अधिकार प्रदान किये हैं. बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 के तहत 24 घंटे बिजली पाना अब उपभोक्ता का हक होगा. उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन करने पर बिजली वितरण कंपनियों को हर्जाना भी देना होगा. नया कनेक्शन देने, गड़बड़ मीटर हटाने या फिर बिलिंग की गड़बड़ी में सुधार का काम तय समय पर करना होगा. ऐसा नहीं होने पर उपभोक्ता हर्जाना पाने के हकदार होंगे.

नये नियमों के तहत, नया कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ताओं को ज्यादा दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी. बिल उपलब्ध कराने में देरी के लिए भी बिजली वितरण कंपनी जिम्मेदार होगी. कंपनी को बिजली कनेक्शन फिर से जोड़ने, जगह में बदलाव, नाम व अन्य विवरण में परिवर्तन, लोड में बदलाव और बिजली आपूर्ति में बाधा आदि के लिए एसएमएस और ई-मेल अलर्ट सुविधा भी उपलब्ध करानी होगी. बिजली वितरण कंपनी को उपभोक्ता को 24 घंटे बिजली आपूर्ति करनी होगी. कुछ क्षेत्रों जैसे कृषि के लिए आपूर्ति का समय कम हो सकता है.

नये नियमों की अधिसूचना की जानकारी देते हुए केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह का कहना है कि इससे बिजली उपभोक्ता सशक्त बनेंगे. लगभग 30 करोड़ उपभोक्ताओं को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि नये कानून के प्रति ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने के लिए बिजली वितरण कंपनियों और राज्यों को व्यापक प्रचार अभियान चलाने को कहा गया है.

मेट्रो शहरों में सात दिन में मिलेगा नया कनेक्शन : नये नियम के तहत मेट्रो शहरों में नया कनेक्शन आवेदन के सात दिनों के भीतर मुहैया कराना होगा. नगर निगम इलाके में 15 दिन व ग्रामीण इलाकों में एक महीने के अंदर नया कनेक्शन देना होगा. पुराने मीटर में बदलाव के लिए भी यही सीमा तय की गयी है. तय समय सीमा में काम नहीं होने पर उपभोक्ता हर्जाना मांग सकते हैं.

चौबीसों घंटे काम करनेवाला कॉल सेंटर होना जरूरी : उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिए बिजली वितरण कंपनियों को चौबीसों घंटे सातों दिन काम करने वाला कॉल सेंटर स्थापित करना होगा. उपभोक्ताओं के प्रतिनिधियों को लेकर विभिन्न स्तरों पर उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम भी बनाये जायेंगे. तय समय में शिकायत का निवारण नहीं होने पर उपभोक्ता के खाते में खुद ही हर्जाने की रकम चली जायेगी.

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प्री-पेड मीटर को दी जायेगी प्राथमिकता : बकाया बिजली बिल एक बड़ी समस्या है. इससे छुटकारे के लिए सरकार प्री-पेड मीटर को प्राथमिकता देगी. बिलिंग और भुगतान के लिए ग्राहक को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के विकल्प मिलेंगे.

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Posrted by : pritish Sahay

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