गुवाहाटी : असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ अधिसूचना को अगले 1 अप्रैल से राज्य के आठ जिलों में अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया है. राज्य के गृह और राजनीतिक विभाग द्वारा बुधवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ के लिए अशांत क्षेत्र ‘टैग’ बढ़ा दिया गया है. हालांकि, राज्य में कानून व्यवस्था और सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा के बाद एक अप्रैल से कछार जिले के लखीपुर उप-मंडल से ‘अशांत क्षेत्र’ टैग हटा दिया जाएगा.
पूर्वोत्तर राज्यों में कम किए गए अशांत क्षेत्र
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बार फिर नगालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम, 1958 (अफस्पा) के तहत घोषित अशांत क्षेत्रों के अधिकार क्षेत्र को कम करने का फैसला किया है. शाह ने कहा था कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के चलते यह फैसला लिया गया है.
पीएम मोदी का पूर्वोत्तर में सुरक्षा फोकस
उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर में सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता दी और इसके कारण क्षेत्र अब तेजी से शांति और विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है. उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदला लाने और क्षेत्र को शेष भारत से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया. शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर की हमारी बहनों और भाइयों को इस खास मौके पर बधाई.
सशस्त्र बलों को शक्तियां देता है अफस्पा
बता दें कि अफस्पा अशांत इलाकों में काम कर रहे सशस्त्र बलों को सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी होने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां प्रदान करता है. अफस्पा के तहत एक क्षेत्र या जिले को एक अशांत इलाके के रूप में अधिसूचित किया जाता है.