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Cancer: कैंसर मरीजों को बड़ी राहत, एक बार में खत्म हो जाएगा ट्यूमर

Cancer: स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में अब अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी मशीनों के माध्यम से कैंसर मरीजों को विश्व स्तरीय उपचार उपलब्ध होगा. ये मशीनें बहुत कम समय में कैंसर के ट्यूमर को खत्म करने में सक्षम हैं.

By Aman Kumar Pandey | September 28, 2024 9:39 AM

Cancer: स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में अब अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी मशीनों के माध्यम से कैंसर मरीजों को विश्व स्तरीय उपचार उपलब्ध होगा. ये मशीनें बहुत कम समय में कैंसर के ट्यूमर को खत्म करने में सक्षम हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने गुरुवार 26 सितंबर को स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी (Radiation Oncology) विभाग में लीनियर एक्सेलरेटर और सीटी सिम्युलेटर मशीनों का उद्घाटन किया. यह मशीनें प्रदेश में रेडियोथेरेपी की सबसे आधुनिक तकनीक से लैस हैं.

मंत्री ने इस अवसर पर बताया कि 54 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित इन मशीनों से ब्रेस्ट, लंग, हैड और नेक कैंसर की जांच और उपचार में अत्यधिक सहायता मिलेगी. जहां लाखों रुपये खर्च होते थे, वह उपचार अब यहां नि:शुल्क उपलब्ध होगा. इन मशीनों से ट्यूमर की पहचान और रेडियोथेरेपी की सटीकता में सुधार होगा, जिससे कैंसर मरीजों को उन्नत और विश्वस्तरीय उपचार मिल सकेगा.

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स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के अधीक्षक, डॉ. संदीप जसूजा ने बताया कि ये नई लीनियर एक्सेलरेटर मशीनें अत्यधिक केंद्रित रेडिएशन एक्सपोजर प्रदान करती हैं, जिससे उपचार का समय काफी कम हो गया है और इलाज भी सरल हो गया है. ये उन्नत मशीनें स्टीरियो टैक्सी सर्जरी भी कर सकती हैं, जिससे एक ही सत्र में ट्यूमर का खात्मा संभव है. इसके साथ ही आसपास के कैंसर सेल्स भी नष्ट हो जाते हैं. इस तकनीक से रेडिएशन का पूरा प्रोसेस मात्र 2 मिनट में पूरा हो जाता है. पहले की तरह रेडियोथेरेपी से त्वचा का काला पड़ना और अन्य साइड इफेक्ट्स भी इस मशीन से नहीं होंगे. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि रेडिएशन एक्सपोजर के दौरान आसपास के अंगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.

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नई सीटी सिम्युलेटर मशीन के माध्यम से मरीज का स्कैन कर उसके उपचार की वर्चुअल प्लानिंग सॉफ्टवेयर में ही की जा सकेगी. इससे इलाज और भी अधिक सटीक हो जाएगा और उपचार के दौरान आने वाली जटिलताओं का बेहतर प्रबंधन संभव होगा. ये अत्याधुनिक मशीनें शुक्रवार से सेवाएं देना शुरू कर देंगी. पूरे देश में कुछ ही केंद्रों पर इस तकनीक की सुविधा उपलब्ध है.

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