पंजाब कांग्रेस में चुनावी मौसम में भी सब ठीक नहीं चल रहा है एक तरफ आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज है तो दूसरी तरफ पंजाब चुनाव से पहले साल 1988 में यानि 34 साल पुराने रोड रेज में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 25 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है. अब इस मामले पर इस दिन सुनवाई हो सकती है. चुनाव से पहले यह बड़ी राहत है.
घटना 27 दिसम्बर 1988 को सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू की पटियाला में कार पार्किंग को लेकर गुरनाम सिंह नाम के बुजुर्ग के साथ कहासुनी हुई थी. इस झगड़े में गुरनाम की मौत हो गई थी. सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया था.
इस मामले को लेकर इतनी लंबी लड़ाई इसलिए भी चलती रही क्योंकि साल 1999 में सेशन कोर्ट से सिद्धू को राहत मिली और केस को खारिज कर दिया गया था . कोर्ट ने सबूत के अभाव में मामले को खारिज कर दिया था. आरोपी के खिलाफ पक्के सबूत नहीं थे. साल 2002 में राज्य सरकार ने सिद्धू के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की थी. 1 दिसम्बर 2006 को हाईकोर्ट बेंच ने सिद्धू और उनके दोस्त को दोषी मान था 3-3 साल की सजा सुना दी थी.
इसके साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 10 जनवरी 2007 तक का समय दिया गया. दोनों आरोपियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी. दोनों ने उसी वक्त 11 जनवरी को चंडीगढ़ की कोर्ट में सरेंडर कर दिया. 12 जनवरी को इन्हें जमानत मिल गयी. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सज़ा पर रोक लगा दी. वहीं शिकायतकर्ता भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और सिद्धू को हत्या का दोषी करार देने की मांग की. अब इस मामले को 25 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया है संभव है कि इस मामले में जल्द फैसला होगा.