आदित्य-एल1 मिशन को बड़ी सफलता, कैप्चर की सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई-एनर्जी एक्स-रे झलक, जानें ताजा अपडेट

इसरो ने एक बयान में कहा कि 29 अक्टूबर से अपनी पहली अवलोकन अवधि के दौरान आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान में लगे हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS) ने सौर प्रज्वाल को रिकॉर्ड किया है.

By Pritish Sahay | November 7, 2023 9:53 PM

Aditya L-1 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पहले सौर मिशन आदित्य एल1 को सौर प्रज्वाल (सोलर फ्लेयर्स) की पहली उच्च ऊर्जा एक्स-रे झलक दिखाई दे दी है. अंतरिक्ष एजेंसी ने आज यानी मंगलवार को एक बयान में कहा कि 29 अक्टूबर से अपनी पहली अवलोकन अवधि के दौरान आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान में लगे हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS) ने सौर प्रज्वाल को रिकॉर्ड किया है. बता दें, सौर प्रज्वाल सौर वातावरण का अचानक चमकना है.

रिकॉर्ड किया गया डेटा राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) के भूस्थैतिक परिचालन पर्यावरणीय उपग्रह (GOES) की ओर से प्रदान किए गए एक्स-रे प्रकाश वक्रों के अनुरूप है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक सौर प्रज्वाल की पहली उच्च ऊर्जा एक्स-रे झलक को दर्ज करना इस बात का संकेत है कि मिशन अब तक अपेक्षित रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है.

क्या है सोलर फ्लेयर

बता दें, सौर वातावरण का अचानक से तेज चमकने को ही सोलर फ्लेयर कहा जाता है. फ्लेयर्स विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम जैसे रेडियो, ऑप्टिकल, यूवी, हार्ड एक्स रे, सॉफ्ट एक्स रे और गामा रे में सभी तरंग दैर्ध्य में बढ़े हुए उत्सर्जन का उत्पादन करता है.

भारत का सोलर मिशन

गौरतलब है कि इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने बीते दो सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे लॉन्च पैड से आदित्य एल1 का सफल प्रक्षेपण किया गया था. इस उपग्रह की कक्षा संबंधी पहली प्रक्रिया को तीन सितंबर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था.

HEL1OS ने सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई-एनर्जी एक्स-रे झलक कैद की

इसरो ने बताया कि 29 अक्टूबर 2023 को करीब 12 बजे से लेकर 10 बजे के बीच यूटी तक अपनी पहली अवलोकन अवधि के दौरान, आदित्य-एल1 बोर्ड पर हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एचईएल1ओएस) ने सौर ज्वालाओं के आवेगी चरण को रिकॉर्ड किया है. रिकॉर्ड किया गया डेटा NOAA के GOES द्वारा प्रदान किए गए एक्स-रे प्रकाश वक्रों के अनुरूप है.

भाषा इनपुट के साथ

Also Read: Pralay Ballistic Missile: चीन और पाक सावधान! ‘प्रलय’ मचा देगी भारत की यह मिसाइल, जानें क्या है खासियत

Next Article

Exit mobile version