Leads 2023: बिहार और झारखंड लैंडलॉक श्रेणी में आगे बढ़ने की कोशिश वाले राज्यों में शामिल
विश्व बैंक की लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स की तर्ज पर लीड्स रिपोर्ट जारी की जाती है और यह रिपोर्ट की पांचवीं कड़ी है. रिपोर्ट राज्यों में लॉजिस्टिक के क्षेत्र में सुधार के उपाय और सुझाव मुहैया कराता है.
देश में लॉजिस्टिक सेक्टर का तेजी से विकास हो रहा है. सड़क, रेल, पोत और परिवहन के दूसरे साधन के विश्व स्तरीय होने से लॉजिस्टिक सेक्टर की विकास दर काफी अच्छी है. देश के आर्थिक विकास में लॉजिस्टिक सेक्टर का अहम योगदान है. देश की अर्थव्यवस्था को 3.5 ट्रिलियन डॉलर से 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर ले जाने में इस क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. ऐसे में राज्यों में लॉजिस्टिक सेक्टर की स्थिति को लेकर शनिवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘लॉजिस्टिक इज एक्रोस डिफरेंट स्टेट (लीड्स) 2023’ रिपोर्ट जारी की.
लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स में आंध्र प्रदेश, गुजरात का प्रदर्शन शानदार
विश्व बैंक की लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स की तर्ज पर लीड्स रिपोर्ट जारी की जाती है और यह रिपोर्ट की पांचवीं कड़ी है. रिपोर्ट राज्यों में लॉजिस्टिक के क्षेत्र में सुधार के उपाय और सुझाव मुहैया कराता है. रिपोर्ट के अनुसार तटीय ग्रुप के राज्यों में सबसे अच्छा प्रदर्शन आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु का रहा है.
लैंडलॉक ग्रुप में अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश
तेजी से आगे बढ़ते राज्यों में केरल और महाराष्ट्र, जबकि इस दिशा में आगे बढ़ने की कोशिश वाले राज्यों में गोवा, ओडिशा और पश्चिम बंगाल है. रिपोर्ट के अनुसार लैंडलॉक ग्रुप में अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश है. वहीं इस श्रेणी में तेजी से आगे बढ़ते राज्यों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड हैं, जबकि आगे बढ़ने की कोशिश वाले राज्यों में बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और झारखंड हैं.
नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में सबसे अच्छा प्रदर्शन असम, सिक्किम और त्रिपुरा
इसी तरह नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में सबसे अच्छा प्रदर्शन असम, सिक्किम और त्रिपुरा है. तेजी से बढ़ते राज्यों में अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड, जबकि आगे बढ़ने की कोशिश वाले राज्यों में मणिपुर, मेघालय और मिजोरम हैं. इस मौके पर केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रिपोर्ट राज्यों को लॉजिस्टिक क्षेत्र में सुधार के लिए नीतियां बनाने में मदद करती है और राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है.