शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के जरिये बीजेपी की बिहार के वैक्सीन देने के वादों की आलोचना की है. सामना में अपने शनिवार के संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि बिहार को कोविड -19 टीका मिलना चाहिए, लेकिन अन्य राज्य पाकिस्तान में नहीं हैं. बिहार में बीजेपी के नि: शुल्क वैक्सीन के चुनावी वादे की आलोचना करते हुए संपादकीय में पूछा गया कि क्या देश में गैर-बीजेपी शासित राज्य अब कोरोना के टीके के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहेंगे.
गौरतलब है कि बिहार के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में एनडीए ने सभी को मुफ्त टीका देने का वादा किया है. इस पर सवाल उठाते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने घोषणापत्र में टीका के निर्णय की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि “पहले यह मुझे खून दे रहा था और मैं तुम्हें आजादी दूंगा. अब यह मुझे वोट देने वाला बन गया है और मैं आपको टीका दूंगा.
सामना के संपदाकीय में कहा गया है कि कोविड -19 टीका वितरण करना सरकार की राष्ट्रीय भूमिका है. देश में 130 करोड़ लोगों को टीका लगाने के लिए केंद्र पर कम से कम 70,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. “बिहार देश का हिस्सा है. राज्य ने लगातार विशेष दर्जे की मांग की है. नीतीश कुमार राज्ये के मुख्यमंत्री हैं. बिहार राज्य पिछड़ा हुआ है इसमें कोई संदेह नहीं है इसलिए बिहार को वैक्सीन मिलनी चाहिए. पर देश के जो दूसरे राज्य हैं वो पाकिस्तान में नहीं हैं. कोविड -19 वैक्सीन के मुद्दे को बिहार के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण ने चुनावी घोषणा पत्र जारी करने के बाद यह भी कहा था कि तमिलनाडु, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने मुफ्त टीकों की घोषणा की है. संपादकीय में आगे लिखा हुआ है कि “वास्तव में भारतीय जनता पार्टी की नीति क्या है? उनका मार्गदर्शक कौन है? प्रधानमंत्री ने वैक्सीन वितरण पर बोलते हुए जाति, धर्म, प्रांत, राजनीति कहीं नहीं लाई.
इसके अलावा कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव देश में महामारी के बीच पहली बड़ी चुनावी गतिविधि है. सार्वजनिक बैठकें आयोजित की जा रही हैं. नेताओं के दौरे के कारण बड़ी संख्या में लोग एक जगह इकट्ठा हो रहे है और सोशल डिस्टेंसिंग धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
Posted By: Pawan Singh