देश में कोरोना वायरस के मामले 32 लाख के पार चले गये हैं. इस कोरोना काल के बीच बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज है. हर पार्टी अपनी ताकत लगाता नजर आ रहा है लेकिन जमीन पर इस कोरोना काल में वोटरों को लुभाना आसान काम नजर नहीं आ रहा है. आपको बता दें कि कोरोना वायरस के बढते संक्रमण के कारण फरवरी से मई तक 55 देशों में चुनाव स्थगित हो चुके हैं. इधर वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप के बीच सिंगापुर और साउथ कोरिया में नई सरकार के गठन के लिए लोगों ने मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहनकर मतदान केंद्रों की तरफ रुख किया था.
इस कोरोना काल में पोलैंड में भी सफलतापूर्वक चुनाव कराए गये. हालांकि यहां कई बार चुनाव की तारीखों में बदलाव किया गया. आइए जानते हैं इस देशों में चुनाव कैसे कराए गये जिनसे प्रेरणा लेकर भारत में भी चुनाव कराने की तैयारी चल रही है….
चुनावी सभाएं कैसे हुईं : जिन देशों में चुनाव संपन्न हुए ऐसा नहीं कि वहां कोरोना का प्रकोप नहीं था. तो सवाल उठता है कि वहां चुनावी सभाएं कैसे हुईं. दरअसल भीड एकत्रित नहीं करने को लेकर यहां हिदायद दी गई जिसके बाद यहां फेसबुक लाइव, जूम एप के सहारे रैलियां और ऑनलाइन कैंपेन चलाए गये. यदि कही सभाएं हुईं भी तो वहां कम लोगों को आमंत्रित किया गया और सभी चाजों का ध्यान र गया जिससे कोरोना वायरस का संक्रमण ना हो.
मतदान कैसे किया लोगों ने : जहां चुनाव हुए वहां के लोग मतदान करने अपने-अपने मतदान केंद्र पहुंचे. मतदान केंद्र में सुरक्षा मानक को ध्यान में रखा गया. लोगों को कतार में सोशल डिस्टेंशिंग का पालन कराया गया. यहीं नहीं वहां हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था की गयी, साथ ही डिस्पोसल हैंड ग्लव्स की व्यवस्था की गयी थी ताकि कोरोना के संक्रमण का प्रसार ना हो. मतदान केंद्रों में मास्क लगाकर आना यहां अनिवार्य किया गया था.
कोरोना पॉजिटिव लोगों ने भी किया मतदान : सबके मन में एक ही सवाल उठ रहा है क्या कोरोना पॉजिटिव लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया ? तो इसका जवाब है हां…ऐसे लोगों के लिए अलग व्यवस्था की गई थी. कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए मतदान केंद्र के बाहर अलग बॉक्स की व्यवस्था की गई थी. कुछ देश में ईमेल के माध्यम से भी लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया. कोरिया में कोरेंटिन किये गये लोगों के लिए शाम का एक वक्त निर्धारित किया गया था जिस दौरान उन्हें मतदान करना था. मतदान करने के बाद घर पहुंचकर उन्हें प्रशासनिक अधिकारी को जानकारी देनी होती थी. सिंगापुर में मोबाइल मतदान केंद्र बनाए गये थे जो संक्रमित मरीजों के घर तक पहुंचकर मताधिकार का प्रयोग कराने का काम करता था.
महामारी के बीच देश में चुनाव: कोरोना वायरस महामारी के दौरान चुनाव कराने को लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा जारी व्यापक दिशानिर्देशों के अनुसार ईवीएम का बटन दबाने के लिये मतदाताओं को दस्ताने दिये जाएंगे और आइसोलशन केंद्रों में रह रहे कोविड-19 मरीजों को मतदान के दिन आखिरी घंटों में मतदान करने दिया जाएगा. संभावना है कि दस्ताने एकल इस्तेमाल वाले होंगे. निर्वाचन आयोग ने कहा कि “निषिद्ध क्षेत्र” के तौर पर अधिसूचित इलाकों में रह रहे मतदाताओं के लिये अलग दिशानिर्देश जारी किये जाएंगे. आपको बता दें कि आने वाले दिनों में बिहार में चुनाव होने हैं.
Posted By : Amitabh Kumar